बता दें कि नर्मदापुरम रोड पर एम्प्री से मिसरोद तक करीब 6.7 किलोमीटर का कारिडोर हटाने के लिए सरमन इंडिया कंपनी को ठेका दिया गया है। वर्तमान में एम्प्री से आशिमा माल तक बीआरटीएस हट चुका है, लेकिन इसके अवशेष सड़कों पर पड़े हैं, तो कुछ स्थानों पर डिवाइडर की जगह बैरिकेड्स लगाए गए हैं, लेकिन यह भी कहीं नीचे गिरे हैं, तो कहीं सड़क के बीच में आ रहे हैं। जिससे दुर्घटना का खतरा भी बढ़ गया है।
एक तरफ रैलिंग हटाई, डिवाइडर भूले
बता दें कि पीडब्ल्यूडी लालघाटी हलालपुर बस स्टैण्ड से सीहोर नाके तक का कारिडोर हटा रहा है। बैरागढ़ थाने से सीहोर नाके से एक तरफ की रैलिंग हटाते हुए पीडब्ल्यूडी ने यहां रोड का चौड़ीकरण कर दिया है, लेकिन सीहोर नाके से बैरागढ़ थाने तक आने वाले रास्ते से डिवाइडर नहीं तोड़ा, बल्कि बीच में एक संकरा रास्ता बना दिया। वाहन चालक गफलत के कारण इस रास्ते पर कार लेकर घुस रहे हैं और आगे जाकर उन्हें वापस कार लेना पड़ रही है। वहीं चंचल चौराहा से सीहोर नाके की तरफ बस स्टापों के पास कारिडोर में व्यापारियों ने अवैध पार्किंग बना ली। जिससे दिनभर यहां जाम लगता रहता है।
रोशनपुर से कमला पार्क तक रास्ता साफ
रोशनपुरा से कमला पार्क बीआरटीएस कारिडोर के सेक्शन की लंबाई 1.42 किलोमीटर है। यहां से अब पूरी तरह बीआरटीएस हटा दिया गया है। इसके बाद सड़क चौड़ी हो गई है। अब हटाए गए कारिडोर वाले हिस्से में डामरीकरण किया जा चुका है। अब इस पर व्यवस्थित ट्रैफिक भी चल रहा है।
लालघाटी से कलेक्ट्रेट का काम अटका
कलेक्ट्रेट से लालघाटी तक के सेक्शन की लंबाई 1.73 किमी। वर्तमान में वीआईपी रेस्ट हाऊस के सामने से कलेक्ट्रेट तक लेन की दोनों तरफ चादरें लगाकर काम हो रहा है। लोहे की ग्रिल पूरी हट चुकी है, वहीं सीमेंटेड के निर्माण को ड्रिल कर हटाया जा रहा है। कोई वाहन चालक घायल न हो, इसलिए चादरें लगाई गई हैं।
28 हटे, 20 स्टाप हटना बाकी
मिसरोद से बैरागढ़ के बीच 24 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस कारिडोर में 48 बस स्टाप थे। जिसमें 28 हटाए जा चुके हैं, जबकि 20 हटना बाकी हैं। होशंगाबाद रोड पर कारिडोर को हटाने का काम प्रभावित हो रहा है। यहीं सबसे अधिक बस स्टाप हैं। कंपनी का दावा है कि 15 जुलाई तक काम पूरा हो जाएगा।
इनका कहना
जिस स्थान पर बस स्टाप बनाए जा रहे हैं, वहां स्टाप बनने के बाद भी साइकिलें निकल सकेंगी। इसका पूरा ध्यान रखा गया है।
- आरके सक्सेना, अधीक्षण यंत्री यांत्रिक विभाग