प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। इसको लेकर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने परिवहन विभाग के अफसरों के साथ सोमवार को बैठक की है। इसमें सार्वजनिक परिवहन के अंतर्गत ग्रामीण परिवहन पर चर्चा की गई है।
मुख्य सचिव ने इसके लिए परिवहन विभाग को जल्द नीति तैयार करने को कहा है, ताकि आने वाले दिनों में इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ चर्चा कर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सके। मुख्यमंत्री, लोक परिवहन को मजबूत करने के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रारंभ करने की इच्छा जता चुके हैं। इसके बाद इस दिशा में नए सिरे से कवायद शुरू हुई है और मुख्य सचिव जैन ने इसको लेकर नीति बनाने पर फोकस किया है।
प्रदेश में 2005 में सड़क परिवहन निगम बंद होने के बाद से प्रदेश स्तरीय सार्वजनिक परिवहन सेवा नहीं है। स्थानीय स्तर पर नगरीय निकायों द्वारा कंपनी बनाकर कुछ बसों का संचालन किया जाता है। अब सार्वजनिक परिवहन में ग्रामीण इलाकों को परिवहन की बेहतर सुविधा देने के हिसाब से काम किया जाना है। इसके लिए ग्रामीण परिवहन की परिस्थितियों को फोकस कर काम करने को कहा गया है। इस काम में अर्बन निकायों की भी भागीदारी पर चर्चा हुई है।
शिवराज के कार्यकाल में फेल हुई ग्रामीण परिवहन नीति
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान ग्रामीण परिवहन को लेकर नीति बनाए जाने के बाद परिवहन विभाग ने गांवों से बस सेवा शुरू करने की बात कही थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका और ग्रामीण परिवहन व्यवस्था निजी बस ऑपरेटरों की मनमानी की शिकार है। इसे भी ठीक करने पर नए नियमों में विचार किया जाएगा। आज हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा समेत परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।