पहले साइबर फ्रॉड के शिकार होकर जमापूंजी गंवाई। शिकायत और भागदौड़ करने पर जैसे-तैसे कुछ रकम फ्रीज हुई। अब तीन साल से अपनी ही इस रकम को पाने के लिए फिर पुलिस, बैंक और अदालत के चक्कर लगा रहे हैं। ये तकलीफ है उन लोगों की, जिनके खातों से जालसाजी कर निकाली गई रकम अब ठगों के खातों में फ्रीज है। क्राइम ब्रांच के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 3 साल में 1.30 करोड़ रुपए खातों में फ्रीज करवाए गए। हालांकि इस अवधि में 1.73 करोड़ की रकम लोगों को रिफंड भी करवाई गई।
इसमें वो रकम ज्यादा है, जो वॉलेट में ब्लॉक कराकर जल्द दिलवा दी गई, लेकिन खातों में फ्रीज रकम कोर्ट के आदेश पर ही मिलेगी। साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि मामले की सुनवाई के दौरान रकम वापसी के लिए फरियादी कोर्ट में एक आवेदन लगा सकता है। इसके साथ साइबर थाने की रिपोर्ट भी लगेगी, जिससे साबित होगा कि रकम आपके खाते से निकली है।
किसी का होम लोन उड़ाया, किसी को निवेश के नाम पर फंसाया
केस-1
भोपाल में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे निखिल के साथ 16 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई थी। रकम निखिल के शिक्षक पिता के खाते से निकली, जो होमलोन वाला था। अब उन्हें रकम वापसी का इंतजार है। ताकि, समय पर घर का निर्माण कराया जा सके।
केस-2
हार्टिकल्चर के रिटायर्ड असिस्टेंट डायरेक्टर जयगोविंद रेवडकर 250 रुपए का प्रोडक्ट ऑनलाइन मंगवाने के चक्कर में 1.30 लाख रुपए की ठगी का शिकार हो गए। उन्होंने गूगल से कस्टमर केयर का नंबर निकाला था। तभी से रकम वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
केस-3
इन्वेस्टमेंट के नाम पर अनिल के साथ फ्रॉड हुआ। तत्काल शिकायत के बाद साइबर क्राइम विंग ने 12 लाख रुपए खातों में फ्रीज करवाए। लंबे समय बाद भी यह रकम अब तक फरियादी को नहीं मिल सकी है। अपनी रकम के लिए फरियादी परेशान है।
कई जगह बंटती है रकम साइबर क्राइम विंग के मुताबिक ठगी की रकम कई खातों में ट्रांसफर होती है। ठगों को पता होता है एक-दो खातों में रकम जल्दी ब्लॉक हो जाएगी। ऐसे में सभी खातों में रकम ब्लॉक करवाना सबसे बड़ी चुनौती है।
ऐसे मामलों में पुलिस रिपोर्ट अहम...
ठगी गई रकम पुलिस कई बार खातों में फ्रीज करवाती है। यह रकम वापस पाने के लिए फरियादी केस के ट्रायल के दौरान कोर्ट में अलग से आवेदन कर सकता है। उसे सारे तथ्य रखने होंगे। इसमें पुलिस रिपोर्ट भी लगेगी। जिसका खाता फ्रीज होता है, कई बार वो भी रकम पर दावा करता है। इस समय पुलिस रिपोर्ट महत्वपूर्ण हो जाती है।
तथ्य और जानकारी सही होने पर कोर्ट फ्रीज रकम फरियादी काे वापस करवाता है। यह ठीक वैसा ही जैसा चोरी के मामलों में बरामद मशरूका केस ट्रायल के दौरान फरियादी के सुपुर्द किया जाता है। इसमें स्पष्ट कर दिया जाता है केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट के बुलावे पर फरियादी को आना होगा। अजय गुप्ता, सीनियर एडवोकेट
इन्वेस्टमेंट वाले मामलों में परेशानी आती है
इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी के मामलों में ठग और फरियादी के बीच कई बार लेनदेन होता है। इस तरह के मामलों में प्रॉफिट बताकर भेजी जाने वाली रकम दूसरे लोगों से ठगी हुई होती है। ऐसे में फ्रीज रकम निकलवाना मुश्किल हो जाता है। हालांकि फ्रीज रकम वापसी के लिए प्रयास तेज हुए हैं। कोर्ट के आदेश पर कुछ खातों को फ्रीज कराने की जानकारी बैंकों को दी गई है। हमारा प्रयास है खातों में फ्रीज रकम पीड़ितों को मिले। इस दिशा में पुलिस की ओर से कोई कमी नहीं रखी जाएगी। पंकज श्रीवास्तव, एसीपी