नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में हुए संघर्ष में चीन में बने सामान की गुणवत्ता एक बार फिर जगजाहिर हो गई है। पाकिस्तान ने इस संघर्ष में बड़े पैमाने पर चीन के हथियारों और रक्षा साजोसामान का यूज किया लेकिन ये किसी काम के नहीं निकले। इसमें पाकिस्तान का साथ देने वाले चीन के खिलाफ भारत ने अब अपना रुख कड़ा कर दिया है। सरकार चीन से आने वाले छोटे घरेलू उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने सुरक्षा नियमों को और सख्त कर दिया है।हाल ही में पता चला था कि चीन से आने वाले कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण घटिया क्वालिटी के हैं। अब कुछ खास तरह के उपकरणों पर BIS (Bureau of Indian Standards) का मार्क होना जरूरी होगा। इनमें इलेक्ट्रिक रिक्लाइनर, फर्नीचर, व्हर्लपूल बाथ, स्पा, इलेक्ट्रिक टॉयलेट, कपड़े सुखाने की मशीन, तौलिया गरम करने वाले उपकरण और इलेक्ट्रिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स शामिल हैं। ये सभी उपकरण बिजली या बैटरी से चलते हैं।कबसे लागू होगा आदेश
ईटी की एक खबर के मुताबिक चीन से आयात पर सख्ती का एक मकसद यह भी है कि सरकार देश में ही इन चीजों का उत्पादन बढ़ाना चाहती है। इससे घरेलू उद्योगों को फायदा होगा और उपभोक्ताओं को घटिया किस्म के सामान से बचाया जा सकेगा। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने इस बारे में 19 मई को एक आदेश जारी किया है। DPIIT वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है। यह आदेश 19 मार्च, 2026 से लागू होगा।उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि सरकार का यह आदेश BIS की हालिया छापेमारी के बाद आया है। BIS ने छापेमारी में पाया कि बाजार में घटिया क्वालिटी के उत्पाद बिक रहे हैं। यहां तक कि ये उत्पाद ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों के गोदामों में भी मिले। चूंकि यह एक क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर है, इसलिए सरकार ने उद्योगों को इन उत्पादों को भारत में ही बनाने के लिए कहा है। सरकार चाहती है कि इन उत्पादों के लिए देश में वैसी ही सप्लाई चेन बने जैसी जूते, खिलौने और AC जैसे उत्पादों के लिए बनी है। फिलहाल ज्यादातर छोटे उपकरण आयात किए जाते हैं।किन-किन पर होगी सख्ती
उद्योग संगठन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चीफ इवेंजेलिस्ट सलिल कपूर ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है। इससे छोटे घरेलू उपकरणों के लिए भारत में ही उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। यह आत्मनिर्भर उपकरण उद्योग के अनुरूप है। उन्होंने आगे कहा कि इससे उपभोक्ताओं को भी बहुत फायदा होगा, क्योंकि छोटे उपकरणों की गुणवत्ता और स्पेसिफिकेशन्स तय हो जाएंगे। यह आज की जरूरत है।अभी तक लगभग 23 बिजली के उत्पादों को क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर में शामिल किया गया है। इनमें मिक्सर ग्राइंडर, सीलिंग फैन, गीजर, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन और इंडक्शन स्टोव जैसे उपकरण शामिल हैं। नए आदेश के अनुसार बड़ी कंपनियों को 19 मार्च 2026 से नियमों का पालन करना होगा। छोटी कंपनियों को 19 जून, 2026 से और सूक्ष्म उद्यमों को 19 सितंबर 2026 से इन नियमों का पालन करना होगा।
वोकल फॉर लोकल
हालांकि सभी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को सुरक्षा मानकों को पूरा करना होगा लेकिन सरकार ने कुछ उत्पादों की एक लिस्ट भी दी है। इस लिस्ट में इलेक्ट्रिक शेवर, हेयर क्लिपर, इलेक्ट्रिक फ्राइंग पैन, स्टीम कुकर, कीट नाशक, कॉफी मेकर, इलेक्ट्रिक कैन ओपनर, इलेक्ट्रिक सिट्रस फ्रूट स्क्वीजर, एगबीटर, आउटडोर बारबेक्यू, बैटरी से चलने वाले मसाजर, फुट वार्मर, हीटिंग पैड, टूथब्रश और शेवर शामिल हैं।एक बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि चीन से आने वाले कई बिजली के उत्पाद पश्चिमी देशों के क्वालिटी और सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते हैं। वे तय स्पेसिफिकेशन्स के अनुसार भी नहीं बनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह आदेश इन सभी उत्पादों को भारतीय बाजार से बाहर निकालने में मदद करेगा। यानी भारत में सिर्फ अच्छी क्वालिटी के और सुरक्षित उपकरण ही बिकेंगे। इससे ग्राहकों को फायदा होगा और भारतीय उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का यह कदम '
मेक इन इंडिया' अभियान को भी मजबूत करेगा।