इस दौरान पार्किंग में खड़े जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह और अन्य एसडीएम के सरकारी वाहनों को तुरंत बाहर निकाला। घटना के बाद कोहेफिजा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हौतम सिंह, उसके भाई राय सिंह, मां शक्कर बाई और दो अन्य लोगों को हिरासत में लिया। पूछताछ के लिए सभी को थाने ले जाया गया।
घटना के पीछे का कारण एक पुराना भूमि विवाद बताया जा रहा है। दरअसल, अरेरा कालोनी निवासी शैलेंद्र पटेल ने 14 अक्टूबर 2010 में बरखेड़ा नाथू निवासी रघुनाथ सिंह से 13 एकड़ जमीन का एक करोड़ 28 लाख 50 हजार में एग्रीमेंट किया था।
अग्रिम भुगतान के तौर पर 10 लाख रुपये भी दिए गए थे। लेकिन, रघुनाथ सिंह ने राजस्व प्रकरण लंबित होने का हवाला देते हुए सीमांकन में देरी की। बाद में रघुनाथ सिंह की मृत्यु हो गई।
उनके वारिस पत्नी शक्कर बाई और पुत्र हौतम सिंह व राय सिंह ने इस केस को अदालत में लड़ना शुरू किया। निचली अदालत ने शैलेंद्र पटेल के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन मामला उच्च न्यायालय जबलपुर में लंबित है।
हौतम सिंह जनसुनवाई में अधिकारियों से मामले को सुलझाने की मांग करता रहा है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया है कि यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
ऐसे प्रकरणों का समाधान न तो राजस्व अधिकारी कर सकते हैं और न ही जनसुनवाई में इसे सुना जा सकता है। इससे पहले भी हौतम सिंह ने तत्कालीन एसडीएम आकाश श्रीवास्तव पर दबाव बनाने की कोशिश की थी।
किसान परिवार के खिलाफ केस दर्ज
कलेक्टर कार्यालय में बिना अनुमति के वाहन अंदर ले जाकर आग लगाने के मामले में कोहेफिजा थाना पुलिस ने किसान और स्वजन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उनके खिलाफ अनाधिकृत प्रवेश कर आगजनी करने एवं शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मुदकमा दर्ज किया गया है।
हालांकि अभी किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है। कोहेफिजा थाना पुलिस के मुताबिक कलेक्टर कार्यालय के नाजिर एजाज की शिकायत पर थाने में केस दर्ज किया गया है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-तीन शालिनी दीक्षित ने बताया कि आरोपित हौतम सिंह उसकी मां और अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।