पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने माही नदी के उद्गम स्थल धार जिले के ग्राम मिंडा में जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश प्राचीनकाल से जल संरचनाओं का धनी रहा है और इसे नदियों का मायका कहा जाता है। यहां से निकलने वाली नदियाँ देश के बड़े भूभाग को जीवन देती हैं, इसलिए जल संरक्षण और संवर्धन वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को जल संकट से बचाने के लिए अभी से ठोस प्रयास करना जरूरी है। उन्होंने विशेष रूप से पौधों और वृक्षों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जल और हरियाली एक-दूसरे के पूरक हैं। जब हम पेड़ लगाएंगे और उन्हें संरक्षित करेंगे, तभी जल स्रोतों को भी जीवित रख सकेंगे। उन्होंने प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने, वर्षा जल संचयन की पद्धतियों को अपनाने और स्थानीय जल निकायों की स्वच्छता व देखरेख के लिए जनभागीदारी को ज़रूरी बताया। उन्होंने कहा कि गांवों में जल संरक्षण को जनआंदोलन का रूप देना होगा, तभी इसका वास्तविक लाभ मिल सकेगा।
मंत्री श्री पटेल ने माही नदी के उद्गम स्थल स्थित माही माता मंदिर में पूजन-अर्चन कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण एवं विकास के लिए आवश्यक कदम उठाने का भी आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में ज़िला पंचायत अध्यक्ष श्री सरदार सिंग मेड़ा,सरदारपुर विधायक श्री प्रताप ग्रेवाल, सीईओ श्री अभिषेक चौधरी प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में जल संरक्षण के इस संकल्प में सहभागिता का संकल्प लिया।