बेमेतरा। जिले को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के उद्देश्य से चल रहे अभियान के तहत कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने आज तहसील बेमेतरा के ग्राम चन्दनू में आयोजित ग्राम सभा में पहुँचे। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामवासियों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ बाल विवाह उन्मूलन पर विस्तृत चर्चा की और समाज के सभी वर्गों से इस दिशा में सक्रिय सहयोग का आह्वान किया।
कलेक्टर ने ग्राम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई है, जो न केवल बालकों के भविष्य को प्रभावित करती है बल्कि समाज में कुपोषण, शिक्षा से वंचित होना और सामाजिक असमानता जैसी अनेक समस्याओं को जन्म देती है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, पंचायत सदस्यों एवं नागरिकों से अपील की कि ग्राम सभा के एजेंडा के अंतर्गत बाल विवाह मुक्त जिला बनाए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करें। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर 2025 तक जिले की सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में यह प्रस्ताव पारित कर बेमेतरा को प्रदेश का पहला “बाल विवाह मुक्त जिला” बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत चन्दनू के जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर के इस प्रयास की सराहना करते हुए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान, किशोरियों की शिक्षा पर बल, और सामाजिक संवाद के माध्यम से बाल विवाह पर अंकुश लगाने के ठोस प्रयास किए जाएंगे। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिनकी ड्यूटी ग्राम सभा में लगी है, वे अपने-अपने क्षेत्र में इस विषय पर गंभीरता से चर्चा करें और प्रस्ताव पारित करने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा कि “यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज के भविष्य को संवारने की दिशा में एक ठोस कदम है।”
ग्राम सभा में उपस्थित ग्रामीणों ने भी एक स्वर में बाल विवाह के विरोध में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने का संकल्प लिया। बाल विवाह की रोकथाम तभी संभव है जब समाज जागरूक होगा। हर बालक और बालिका को शिक्षा और समान अवसर देना ही हमारा लक्ष्य है।