भोपाल, इंदौर और सतना में कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट (बायो सीएनजी) बुधवार को शुरू हो गए। इनसे न केवल करीब 8000 हल्के वाहनों को ईंधन मिलेगा, बल्कि 1000 लोगों को रोजगार भी मुहैया होगा। मप्र में ग्रीन एनर्जी की तरफ यह बड़ा कदम है। अगले कुछ महीनों में जबलपुर, बालाघाट और सीहोर के भी प्लांट शुरू होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में दो, इंदौर और सतना में एक-एक प्लांट का बुधवार को सीएम हाउस में समत्व भवन से वर्चुअल लोकार्पण किया। तीन प्लांट रिलायंस इंडस्ट्री ने वेस्ट से वैल्थ की दिशा में एक साल के अंदर 360 करोड़ की लागत से लगाए हैं। एक प्लांट पालीवाल ग्रुप का फंदा में लगा है। एक प्लांट से निकलने वाली बायो सीएनजी से लगभग 2000 ऑटो रिक्शा, निजी वाहन और हल्के वाहन सड़क पर दौड़ेंगे।
हर साल 17,000 टन कार्बन डाय ऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा जो वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने में सहायता करेगा। एक प्लांट से 250 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। आने वाले एक साल में मप्र में 457 टन क्षमता के 39 प्लांट और लगने वाले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए मध्य प्रदेश ने जो कमर कसी है, उसका ये प्लांट उदाहरण है। ये कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट का उद्घाटन थोड़ा हटकर है।