ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव:स्काईवॉक पर चढ़ेंगे स्लैब व गर्डर… इसलिए शास्त्री चौक से जयस्तंभ-मेकाहारा तक रात 10 बजे से सुबह 6 तक वन-वे

रायपुर, राजधानी रायपुर में बन रहे स्काईवॉक प्रोजेक्ट का अहम चरण शुरू हो गया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अब स्काईवॉक पर स्लैब और गर्डर लॉन्चिंग का काम करेगा। इसके लिए 18 नवंबर से एक माह तक रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव रहेगा।

इस दौरान शास्त्री चौक से जयस्तंभ चौक और शास्त्री चौक से मेकाहारा चौक तक डिवाइडर की ओर की एक लेन बंद रहेगी। पीडब्ल्यूडी ने इसके लिए कलेक्टर से अनुमति मांगी थी, जिसे मंजूरी मिल गई है। पीडब्ल्यूडी के मुख्य ​अभियंता सीके कोरी ने बताया कि स्काईवॉक में कुल 63 गर्डर और 25 स्लैब लगाए जाने हैं।

इनमें से अब तक 47 गर्डर और 19 स्लैब लगाए जा चुके हैं, जबकि 16 गर्डर और 6 स्लैब बाकी हैं। गर्डर का निर्माण भिलाई में पूरा किया जा चुका है, जिन्हें अब लॉन्च किया जाएगा।

1 लाख से ज्यादा रोज गुजरती हैं गाड़ियां : डीएसपी सतीश सिंह ठाकुर ने बताया कि जयस्तंभ चौक से शास्त्री चौक तक रोज 1 लाख से ज्यादा गाड़ियां गुजरती हैं। सुबह से 10 से 12 और शाम 5 से 8 बजे तक गाड़ियों का रस रहता है।

पीडब्ल्यूडी को इन व्यवस्थाओं का करना होगा पालन

  • एकांकी (वन-वे) मार्ग की शुरुआत और अंत में सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे।
  • 15 दिन शास्त्री चौक से मल्टीलेवल पार्किंग तक जयस्तंभ चौक की ओर मार्ग वन-वे रहेगा।
  • अगले 15 दिन शास्त्री चौक से मेकाहारा चौक तक का मार्ग वन-वे रहेगा।

वाहनों की स्पीड, समय और मार्ग भी तय

  • वीआईपी आवागमन के दौरान यह अनुमति अमान्य रहेगी।
  • वाहनों की अधिकतम गति 20 किमी/घंटा से अधिक नहीं होगी।
  • यातायात नियमों और पुलिसकर्मी के निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा।
  • यह अनुमति जारी होने की तारीख से दो माह तक वैध रहेगी।
  • प्रतिबंधित समय में वाहनों का आवागमन केवल सुबह 5 से 9 बजे, दोपहर 12 से 4 बजे, और रात 10 से 12 बजे के बीच ही किया जा सकेगा।
  • वाहनों की आवाजाही का मार्ग- रिंग रोड-1 → केनाल रोड →आनंद नगर चौक → जीई रोड → निर्माण स्थल तक रहेगा।
  • प्रत्येक वाहन के आगे एक पायलट वाहन रहना अनिवार्य होगा।
  • किसी भी दुर्घटना की जिम्मेदारी वाहन चालक या मालिक की होगी।
  • मार्ग पर कहीं भी वाहन खड़ा कर यातायात बाधित नहीं किया जा सकेगा।
  • शर्तों के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
  • नियमों का उल्लंघन होने पर अनुमति स्वतः निरस्त मानी जाएगी।
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