बैंकों पर बोझ होगा कम, काम करने में होगी आसानी, डिजिटल बैंकिंग के लिए आरबीआई की बड़ी पहल

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को कमर्शल बैंकों और स्मॉल फाइनेंस बैंकों समेत अन्य वित्तीय संस्थाओं के लिए डिजिटल बैंकिंग से जुड़े 7 नए ‘मास्टर ‘डायरेक्शन’ (निर्देश) जारी किए। यह कदम RBI की उस बड़ी मुहिम का हिस्सा है, जिसका मकसद नियमों को साफ और आसान बनाना है। इससे बैंकों और संस्थाओं पर फालतू कागजी कार्रवाई का बोझ कम होगा और काम करने में आसानी होगी।

रिजर्व बैंक ने कुल 244 मास्टर डायरेक्शन जारी किए हैं। इनमें पुराने बिखरे हुए निर्देशों को ही व्यवस्थित करके एक जगह लाया गया है। ये निर्देश 11 तरह की अलग-अलग संस्थाओं के लिए जारी किए गए हैं। इनमें से 7 नए मास्टर डायरेक्शन खास तौर पर डिजिटल बैंकिंग के लिए हैं, जो इन 7 संस्थाओं पर लागू होंगे। इनमें कमर्शल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक, लोकल एरिया बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और रूरल को-ऑपरेटिव बैंक शामिल हैं। डिजिटल बैंकिंग के ये नए नियम 1 जनवरी, 2026 से लागू होंगे।

ठोस नीतियों की जरूरत

नियमों के मुताबिक, सभी बैंकों को डिजिटल बैंकिंग के लिए ठोस नीतियां बनानी होंगी। इसमें उन्हें कानूनी जरूरतों के साथ-साथ पैसों की उपलब्धता (लिक्विडिटी) और डिजिटल कामकाज में आने वाले जोखिमों का भी ध्यान रखना होगा। डिजिटल बैंकिंग का मतलब उन सेवाओं से है जो बैंक इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या ग्राहकों के किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए देते हैं, जहां काम का बड़ा हिस्सा मशीनों या ऑटोमेशन के जरिए होता है।

रिजर्व बैंक ने बताया कि पिछले करीब छह महीने से चल रही नियमों को समेटने की उसकी बड़ी कवायद पूरी हो गई है। इस अभियान के तहत 5,673 ऐसे पुराने सर्कुलर्स को रद्द कर दिया गया है, जो अब बेकार हो चुके थे।

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