‘इस्लाम अमन का धर्म, कयामत तक रहेगा सुरक्षित, कोई मिटा नहीं सकता’, मौलाना अरशद मदनी ने जानिए क्यों दिया ये बयान?

सहारनपुर: मौलाना अरशद मदनी एक बार फिर से अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। इस बार मौलाना मदनी ने इस्लाम पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम अमन, शांति और मोहब्बत का धर्म है और इसकी शिक्षाएं हर दौर में इंसानियत का संदेश देती हैं। मदनी ने दावा किया कि सांप्रदायिक ताकतें इस्लाम की इन उज्ज्वल शिक्षाओं से डरती हैं और इसलिए लगातार इसके खिलाफ प्रोपेगेंडा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस्लाम एक सार्वभौमिक सत्य है जिसे कोई ताकत खत्म नहीं कर सकती और यह कयामत तक जिंदा रहेगा।

पोस्ट के जरिए दिया संदेश

अपने ट्वीट में अरशद मदनी ने लिखा कि इस्लाम की सकारात्मक शिक्षाओं से भयभीत होकर कुछ ताकतें इसे बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने लिखा कि मुसलमानों का कर्तव्य है कि वे इस्लाम की उच्च मूल्यों पर अमल करें और जहां भी रहें, प्यार, मोहब्बत, सद्भावना और अच्छे आचरण के साथ जीवन बिताएं। उनका कहना था कि इस्लाम दुनिया में अमन और इंसानियत का संदेश फैलाने वाला धर्म है।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी विवाद के बाद फिर बयान सुर्खियों में

मदनी इन दिनों सुर्खियों में हैं। हाल ही में अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर की गई कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा था कि यह केवल शिक्षा पर हमला नहीं बल्कि मुसलमानों को डराने की साजिश है। उन्होंने यह भी कहा था कि लंदन में एक मुसलमान मेयर बन सकता है, लेकिन भारत में मुस्लिम किसी यूनिवर्सिटी का चांसलर बने तो उसे आज़म खान जैसा अंजाम भुगतना पड़ता है। उनके अनुसार देश में हालात ऐसे हैं कि सरकार नहीं चाहती कि मुसलमान सिर उठाकर खड़े हों।

“मुसलमानों के पैरों के नीचे से जमीन खिसकाई जा रही है”

अपने पिछले बयानों की तरह इस बार भी मदनी ने आरोप लगाया कि मुसलमानों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हालात ऐसे बने हैं कि सरकार मुसलमानों के पैरों के नीचे से जमीन निकालने की कोशिश कर रही है और देखिए कि पैरों के नीचे की जमीन निकल भी गई है।

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