न्यूयॉर्क: पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान को सैन्य हमले की धमकी दी गई है। पाकिस्तान ने कहा है कि तालिबान को टीटीपी जैसे गुटों को रोकना होगा, जो उसकी जमीन पर हमलों को अंजाम दे रहे हैं। तालिबान सरकार अगर टीटीपी के खिलाफ कदम नहीं उठाती है तो पाकिस्तानी आर्मी अफगानिस्तान में कार्रवाई की तरफ बढ़ सकती है। पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के मंच पर ये बातें कही गई हैं। पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान को लगातार हवाई हमलों की धमकी दी गई है। तालिबान ने इन धमकियों का दबाव ना मानते हुए पाकिस्तान की किसी भी सैन्य कार्रवाई पर कड़े जवाब की बात कही है। ऐसे में पाकिस्तान की धमकी से एक बार फिर सीमा पर तनाव बढ़ सकता है।
UNSC में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान को अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकी समूहों के खिलाफ ठोस और सबूत योग्य कदम उठाने होंगे। ऐसा नहीं होने पर पाकिस्तान अपने नागरिकों, क्षेत्र और संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी रक्षात्मक उपाय करेगा।
अफगानिस्तान में आतंकी समूह
पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि अहमद ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दावा किया कि अफगानिस्तान आतंकी समूहों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। इसका ना सिर्फ बल्कि पाकिस्तान बल्कि पूरे क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है और सुरक्षा चुनौतियां बढ़ गई हैं। अफगान तालिबान को इसे समझते हुए निर्णायक कदम उठाने होंगे।पाकिस्तानी अधिकारी ने UNSC में कहा कि आईएस-के, अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), ईस्ट तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और मजीद ब्रिगेड जैसे समूहों के अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकाने हैं। इन समूहों ने लगातार पाकिस्तान में हमलों को अंजाम दिया है।
बातचीत से नहीं हुआ फायदा
अहमद ने संयुक्त राष्ट्र से अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति का मूल्यांकन करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि गंभीर सुरक्षा चिंताओं के बावजूद पाकिस्तान ने तालिबान अधिकारियों के साथ बातचीत की। दोहा और इस्तांबुल में बातचीत हुई लेकिन कोई खास नतीजा नहीं निकला क्योंकि तालिबान ने आतंकी गुटों पर अपना रुख नहीं बदला है।