प्रदेश में बाघ, तेंदुओं सहित अन्य वन्यजीवों की मौत के बढ़ते मामलों पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख ने नाराजगी जताई है। इसको लेकर टाइगर रिजर्व के सभी क्षेत्रीय व संभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता से कार्यवाही करें अन्यथा अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। बताया जाता है कि 50 बाघों, तेंदुओं और वन्य जीवों की मौत के बाद वन महकमा जागा है।
शुक्रवार को इसको लेकर वन बल प्रमुख वीएन अंबाड़े द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि बिजली, सड़क हादसों सहित कई कारणों से वन्यजीवों की मौत की घटनाएं पिछले महीनों में तेजी बढ़ी हैं। इसको लेकर पूर्व में भी निर्देश देकर कहा गया था कि वन्यजीव संरक्षण के प्रति लापरवाही नहीं होनी चाहिए लेकिन घटनाओं के बाद अफसरों, कर्मचारियों की लापरवाही सीधे सामने आ रही है। इसलिए सभी अफसरों को जिम्मेदारी है कि वन्यजीव संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
सभी मुख्य वन संरक्षक, क्षेत्रीय और वन्य जीव वन संरक्षक, क्षेत्र संचालक टाइगर रिजर्व, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल, सभी क्षेत्रीय, वन्य जीव, वन विकास निगम के वन मंडल अधिकारी तथा वनमंडल अधिकारी रातापानी और वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि टाइगर रिज़र्व के भीतर गश्ती व्यवस्था का दायरा बढ़ाने के बावजूद बाघ व अन्य वन्यजीवों के शिकार और हड्डी तस्करी की घटनाएं चिंता का विषय हैं। इन घटनाओं के लिए संबंधित अधिकारी व कर्मचारी स्पष्ट रूप से जिम्मेदार माने जाएंगे।
मुख्य वन संरक्षक ने सभी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वन एवं वन्यजीव सुरक्षा विभाग की प्राथमिकता के मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इन निर्देशों का पालन करें अधिकारी
- वन्यजीव संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
- रेलवे व अन्य एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर घटनाओं को रोकने के लिए तैयारी करें।
- भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।