जाने-माने दिग्गज गीतकार जावेद अख्तर अक्सर अपने बेबाक बोल के लिए सुर्खियों में छाए रहते हैं। उन्होंने एक बार फिर से कुछ ऐसा कहा, जिससे चारों तरफ चर्चा तेज हो गई। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उस हरकत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जब उन्होंने एक डॉक्टर महिला का हिजाब भरी सभा में खींच दिया था। उन्होंने क्या कुछ कहा, आइए बताते हैं।
जावेद अख्तर ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुआ कहा कि भले ही कोई इंसान किसी धर्म में आस्था न रखता हो या खुद को नास्तिक मानता हो, लेकिन इससे उसे किसी दूसरे को बेइज्जत करने का अधिकार नहीं मिल जाता। उन्होंने आगे कहा, ‘हो सकता है कि मैं नास्तिक हूं। मैं धर्म में यकीन नहीं करता। पर क्या इसका मतलब ये है कि मुझे जाकर लोगों को मंदिरों, मस्जिदों और चर्चों से बाहर निकालना चाहिए?’
नीतीश कुमार विवाद पर जावेद अख्तर
जावेद अख्तर ने ‘इंडिया टुडे’ से बातचीत में आगे कहा, ‘क्या मुझे ऐसा करना चाहिए? या क्या किसी को भी ऐसा करना चाहिए? आप इसका विरोध कर सकते हैं, आप अपने तर्क दे सकते हैं, और आपको पूरी कोशिश करनी चाहिए कि लोग आपकी बात समझें और आपकी बात के पीछे की मंशा को जानें, लेकिन आप ऐसी हरकत नहीं कर सकते। और खासकर एक महिला के साथ, सिर्फ एक मुस्लिम महिला के साथ नहीं, किसी भी महिला के साथ नहीं।’
जावेद अख्तर ने नीतीश कुमार से किया सवाल
जावेद अख्तर बोले कि भारत में कई जगह ऐसी हैं, जहां हिंगी महिलाएं, प्रथा के तौर पर घूंघट करती हैं। ‘क्या आप जाकर उनका घूंघट खींचेंगे? आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? कोई भी ऐसा कैसे कर सकता है?’ उन्होंने आगे कहा कि बिहार के सीएम को पता था कि वह ऐसा करेंगे तो उनको इसका कोई अंजाम नहीं भी नहीं भुगतना पड़ेगा।
जावेद अख्तर ने कहा- हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं
गीतकार ने कहा कि नीतीश कुमार किसी हिंदू महिला का घूंघट उठाने की हिम्मत नहीं करते। ‘अगर उनमें थोड़ी भी इंसानियत है तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि उन्होंने एक महिला के साथ गलत बर्ताव किया है। ये विवाद धर्म को लेकर तो है ही नहीं। एक महिला के सम्मान और अधिकार की बात है। मैं सभ्य इंसान से ये पूछा चाहता हूं, जो महिलाओं की गरिमा का सम्मान करतो हो, फिर चाहो वो यहूदी हो, पारसी हो, हिंदू या बौद्ध हो, जो भी हो। उसका इस पर क्या रिएक्शन होता, अगर वह सभ्य व्यक्ति है। तो इसीलिए ये मुद्दा हिंदू और मुस्लिम का है ही नहीं।’