इस्लामाबाद: पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने हाल ही में लीबिया का दौरा किया है। लीबिया के सैन्य अफसरों के सामने मुनीर ने अपने हथियारों और JF-17 लड़ाकू विमानों की जमकर तारीफ की। इस दौरान मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान में स्वदेशी तकनीक से हथियार और जेट बने रहे हैं। उन्होंने मई में भारत के साथ हुए चार दिन के संघर्ष के दौरान 90 फीसदी पाकिस्तानी सैन्य तकनीक के इस्तेमाल का दावा पेश किया। असीम मुनीर विदेश में बैठकर सार्वजनिक मंचों से पाकिस्तानी सैन्य तकनीक की बातें कर रहे हैं लेकिन उनके दावों में सच्चाई नहीं है।
असीम मुनीर ने लीबिया में भारत के राफोल जैसे विमानों को नुकसान पहुंचाने और S-400 एयर डिफेंस को भेद देने की बात कही। हालांकि उनके दावों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं मिलता है। मुनीर के बयानबाजी से ये लगता है कि लीबिया को हथियार बेचने के लिए उनकी ओर से बढ़ा-चढ़ाकर ये बातें कही गई बातें हैं। जमीन पर सच्चाई पाकिस्तान के सीडीएफ असीम मुनीर के इन दावों से उलट है।
झूठें हैं मुनीर के दावे
मई में भारत-पकिस्तान के सैन्य संघर्ष के बाद कई तरह के दावे किए गए हैं। दावों से इतर सैटेलाइट इमेज, मलबे का एनालिसिस और न्यूट्रल रक्षा विशेषज्ञों ने दोनों पक्षों के नुकसान का आंकलन किया है। आंकलन से पता चलता है कि भारत के राफेल, Su-30s, मिराज-2000s और MiG-29s जैसे जेट को नुकसान का सबूत पाकिस्तान नहीं दे सका। पाकिस्तानी हमले से S-400 सिस्टम को भी नुकसान नहीं हुआ। यानी पाकिस्तानी सेना के बढ़त हासिल करने के मुनीर के दावे हवा-हवाई हैं
क्या बोले हैं मुनीर
पाकिस्तान के आर्मी चीफ और सीडीएफ असीम मुनीर ने लीबिया के सैन्य अफसरों के साथ एक बैठक में कहा, ‘मई में भारत के साथ लड़ाई में इस्तेमाल की गई 90 फीसदी सैन्य तकनीक पाकिस्तान की थी। पाकिस्तान एयर फोर्स ने स्वदेशी तकनीक से भारत के राफेल, एसयू-30, मिग-29 और मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमानों के लिए मुश्किल पैदा दी। भारत को रूस से मिले एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को भी हमने भेद दिया।’