कोरिया । कोरिया जिले की सभी ग्राम पंचायतों में कल ग्रामसभाएं आयोजित होंगी। कलेक्टर कोरिया श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है। कोरिया जिला अधिसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आता है इसलिए कल आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में पेसा अधिनियम के बारे में ग्रामीणों को विस्तार से अवगत कराया जाएगा। साथ ही महात्मा गांधी नरेगा जो अब जी राम जी के नाम से प्रवर्तित हो रही है उसके प्रमुख बिंदुओं और योजना के समेकित रूपरेखा के बारे में सभी ग्रामीणों को विस्तार से जानकारी प्रदान की जाएगी। जीरामजी यानी विकसित भारत रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) अधिनियम, 2025 की प्रमुख विशेषताएँ का व्यापक प्रचार प्रसार किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
क्या है विकसित भारत जी-राम-जी अधिनियम 2025
राष्ट्रीय विजन के अनुरूप समृद्ध एवं सुदृढ़ ग्रामीण भारत के लिए सशक्तिकरण, विकास, अभिसरण और संतृप्ति को बढ़ाकर इससे संबंधित विषयों के लिए अकुशल शारीरिक श्रम करने के इच्छुक प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए यह योजना है। इसमें वयस्क सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एक सौ पच्चीस दिनों की मजदूरी-रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान कर; एक ग्रामीण विकास रूपरेखा स्थापित करने के लिए अधिनियम लागू किया गया है।
अब 125 दिन का रोजगार
जी-राम-जी के तहत अब अकुशल शारीरिक श्रम करने के इच्छुक प्रत्येक ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एक सौ पच्चीस दिनों की मजदूरी-रोजगार की वैधानिक गारंटी प्राप्त होगी। पहले यह 100 दिवस निर्धारित थी।
विकसित भारत की जरूरत अनुसार कार्य
इस अधिनियम के अंतर्गत शुरू किए जाने वाले सभी कार्य एवं परियोजनाएँ विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना का अंग होंगी। जिनमें जल-संबंधी कार्यों के माध्यम से जल सुरक्षा, मूलभूत अवसंरचना, आजीविका-संबंधी अवसंरचनाएं तथा प्रतिकूल मौसमी घटनाओं से बचाव के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
तकनीक से बनेगी कार्ययोजना
जीरामजी के तहत कार्यों की आयोजना विकसित ग्राम पंचायत की रूपरेखा अनुसार की जाएगी। जिन्हें ग्राम पंचायतों द्वारा तैयार किया जाएगा तथा इन्हें पीएम गतिशक्ति सहित राष्ट्रीय स्थानिक योजना प्रणालियों के साथ एकीकृत किया जाएगा। प्रत्येक पंचायतों की भौगोलिक स्थिति, नगरीकरण की दिशा में प्रगति जैसे प्रमुख बिंदुओं पर उनकी विविध विकासात्मक आवश्यकताओं को योजना निर्माण के दौरान ध्यान में रखकर प्लान तैयार किया जाएगा।
खेती के समय सिर्फ खेती
ग्रामीण कार्यबल के लिए बढ़ाई गई मजदूरी-रोजगार गारंटी को दृष्टिगत रखते हुए, विशेष रूप से बुवाई और कटाई के व्यस्ततम समय के दौरान, कृषि श्रम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इससे किसानों को खेती के समय पर्याप्त श्रम उपलब्ध हो सकेगी। इस संदर्भ में, अधिनियम में राज्यों को एक वित्तीय वर्ष में कुल मिलाकर साठ दिन की अवधि अधिसूचित करने की छूट होगी जिसमें बुवाई एवं कटाई की व्यस्ततम समयावधि को सम्मिलित किया जाएगा।
कार्य ना मिलने पर मिलेगा बेरोजगारी भत्ता
यदि किसी ग्रामीण परिवार को, मांग प्रस्तुत करने के पश्चात, निर्धारित समय-सीमा के भीतर कार्य प्रदान नहीं किया जाता है, तो राज्य सरकार अनुसूची में विहित दरों एवं शर्तों के अनुसार बेरोजगारी भत्ता का भुगतान करेगी। इससे श्रमिकों का हित सुरक्षित हो सकेगा।
पंचायती राज व्यवस्था होगी मजबूत
जिले की कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने कहा कि जीरामजी अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप अब ग्राम पंचायत की प्राथमिक कार्यान्वयन की भूमिका होगी। ग्राम पंचायत ही श्रमिकों का पंजीकरण करने, ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड जारी करने तथा कार्यों की प्राथमिकता के आधार पर कम से कम 50 प्रतिशत कार्यों के निष्पादन के लिए उत्तरदायी होंगी। ग्राम सभा नियमित सामाजिक अंकेक्षण भी करेगी। जनपद पंचायतें, ब्लॉक-स्तरीय आयोजना, प्रस्तावों के समेकन एवं अभिसरण के सुगमीकरण पर ध्यान केंद्रित करेंगी। जिला पंचायतें, एक समर्पित संचालन समिति के माध्यम से, समग्र पर्यवेक्षण एवं निगरानी की जिम्मेदारी निभाएंगी तथा समेकित जिला योजनाएँ तैयार करने में कलेक्टर एंव जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) की सहायता करेंगी। ग्रामसभा के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार प्रसार करने के आदेश जारी किए गए हैं।
तकनीकी से पारदर्शिता की ओर
जिला पंचायत कोरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि जीरामजी अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक स्तर पर पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु तकनीकी का इस्तेमाल होगा। जिनमें बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण, स्थानिक प्रौद्योगिकी आधारित (स्पैसटियल टेक्नालॉजी) प्लान, मोबाइल एवं डैशबोर्ड आधारित निगरानी तथा साप्ताहिक सार्वजनिक प्रकटीकरण प्रणालियों के माध्यम से प्रावधान किए गए हैं। इसमें सामाजिक अंकेक्षण तंत्र को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है।