एयरबस ने 6,000 विमान वापस बुलाए, दुनिया में हाहाकार, सरकार ने एयरलाइंस को किया अलर्ट

नई दिल्ली: विमान बनाने वाली यूरोप की दिग्गज कंपनी एयरबस ने अपने ए320-सीरीज के 6,000 विमानों को वापस बुलाया है। कंपनी का कहना है कि इनमें सॉफ्टवेयर को तुरंत ठीक करने की जरूरत है। इस वजह से भारत समेत दुनिया भर की बड़ी एयरलाइंस की उड़ानें प्रभावित हुई हैं। एयरबस ने एक बयान में कहा कि हाल ही में ए320-फैमिली के एक विमान से जुड़े एक हादसे में पता चला है कि इंटेंस सोलर रेडिएशन फ्लाइट कंट्रोल के लिए महत्वपूर्ण डेटा को खराब कर सकता है।

इस बीच एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने भारतीय एयरलाइनों से कहा है कि जब तक EASA के निर्देश के तहत जरूरी बदलाव नहीं हो जाते, तब तक वे A320 विमानों को उड़ाना बंद कर दें। डीजीएसए ने एक बयान में कहा, ‘यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई व्यक्ति उस उत्पाद का प्रचालन नहीं करेगा जिस पर अधिदेशात्मक संशोधन लागू होता है। सिवाय इसके जो अधिदेशात्मक संशोधन/प्रयोज्य उड़न योग्यता निदेशों की अपेक्षाओं के अनुरूप हों। इस बात की पुष्टि की जाए कि इस क्षेत्र में संबंधित सभी प्रचालकों को अधिदेशात्मक संशोधनों/निरीक्षणों के बारे में सूचित किया जाए और आपके कार्यालय में रखी गई मूल अधिदेशात्मक संशोधन सूची को अद्यतन बनाया जाए। आपसे अनुरोध है कि उड़ान योग्यता प्रक्रिया मैनुअल भाग- अध्याय 7 के अनुसार अनुपालन कार्रवाई की पुष्टि करें।’

रॉयटर्स की एक दुनिया की सबसे बड़ी ए320 ऑपरेटर अमेरिकन एयरलाइंस ने बताया कि 340 विमानों को अपडेट की जरूरत है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि शनिवार तक ज्यादातर काम पूरा हो जाएगा। जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा ने भी कुछ उड़ानों के रद्द होने और देरी की चेतावनी दी है। वहीं कोलंबिया की सबसे बडी और साउथ अमेरिका की दूसरी बड़ी एयरलाइन एवियांका ने 8 दिसंबर तक टिकटों की बिक्री बंद कर दी है। इस गड़बड़ी के कारण उसके 70% से ज्यादा विमान प्रभावित हुए हैं।

क्यों आई ऐसी नौबत?

विज एयर, एयर फ्रांस, एयर न्यूजीलैंड, एयर इंडिया, वोलारिस और कई अन्य एयरलाइंस ने भी इस वीकेंड उड़ानों में देरी या कैंसिलेशन की सूचना दी है। कुछ एयरलाइंस, जैसे ब्रिटिश एयरवेज, ईजीजेट, तुर्की एयरलाइंस और एर लिंगस ने बताया कि उनके परिचालन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। वहीं, यूनाइटेड एयरलाइंस और ब्राजील की अजुल ने कहा कि उनकी उड़ानों पर कोई असर नहीं पड़ा है।

एयरबस ने कहा कि उसके रिकॉल के फैसले से यात्रियों और ग्राहकों को असुविधा होगी। सैकड़ों विमानों का हार्डवेयर भी बदलना पड़ सकता है, जिससे वे हफ्तों तक सेवा से बाहर रहेंगे। 30 अक्टूबर को मैक्सिको के कानकुन से नेवार्क जा रहे एक विमान में यह गड़बड़ी सामने आई थी। इस विमान ने फ्लोरिडा के टैम्पा में एमरजेंसी लैंडिंग की थी। यह घटना उड़ान नियंत्रण प्रणाली में एक समस्या के कारण हुई थी।

क्या कर रही है एयरबस?

जब विमान के सॉफ्टवेयर में खराबी आई तो अचानक यह नीचे आने लगा। इससे यात्रियों में घबराहट फैल गई। पायलटों ने तुरंत स्थिति को संभाला और विमान को सुरक्षित रूप से उतार लिया। यह घटना सोलर रेडिएशन के कारण हुई थी। ये अंतरिक्ष से आने वाली खतरनाक किरणें होती हैं। जब ये किरणें विमान के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर पड़ती हैं, तो डेटा को बिगाड़ सकती हैं। इससे फ्लाइट कंट्रोल जैसी महत्वपूर्ण प्रणालियां प्रभावित हो सकती हैं।

एयरबस इस समस्या को गंभीरता से ले रही है और सुनिश्चित कर रही है कि सभी प्रभावित विमानों को जल्द से जल्द ठीक किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण कई यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं में बदलाव करना पड़ रहा है। एयरलाइंस यात्रियों को हुई असुविधा के लिए माफी मांग रही हैं और उन्हें जल्द से जल्द अपनी यात्रा फिर से शुरू करने में मदद करने की कोशिश कर रही हैं।

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