थाने से 20 मीटर पहले अमित बघेल गिरफ्तार:रायपुर में समर्थकों ने 3 घंटे GE रोड जाम किया

रायपुर, छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल को देवेंद्र नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बघेल थाने के बाहर सरेंडर करने पहुंचे थे, लेकिन थाने से 20 मीटर पहले ही पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उन्हें पकड़ लिया। पुलिस कानूनी तौर इसे गिरफ्तारी बता रही है। लेकिन समर्थकों ने इसका विरोध करते हुए सरेंडर बताया है।

गिरफ्तारी के बाद अमित बघेल को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने बघेल को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। इससे पहले वे पुलिस कस्टडी में मां के अंतिम संस्कार के लिए गांव जाएंगे। बता दें कि शुक्रवार को अमित बघेल की मां का निधन हो गया है। उनके शव को उनके पैतृक गांव पथरी ले जाया गया है, जहां आज शनिवार को अंतिम संस्कार होगा।

दूसरी ओर बघेल के समर्थकों ने आमापारा जीई रोड को जाम कर दिया। धरना के चलते जीई रोड करीब 3 घंटे से ज्यादा समय तक ब्लॉक रहा। एम्बुलेंस पास करने में समस्या हुई। लोगों को भी ट्रैफिक रूट अचानक डायवर्ट होने के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि, पुलिस और समर्थकों दोनों ने आपसी समझ से एंबुलेंस को पास कराया।

आपत्तिजनक बयानों से जुड़े मामले में अमित बघेल करीब 26 दिनों से फरार थे। इसके पहले 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अमित बघेल को कड़ी फटकार लगाते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि, अपनी जुबान पर लगाम रखें।

जहां-जहां FIR दर्ज है, वहां की कानूनी प्रक्रिया का सामना करें। कोर्ट ने साफ कहा था कि कोई राहत नहीं दी जाएगी और कानून अपना काम करेगा। वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि अमित बघेल ने कई धर्म, सम्प्रदाय के विषय में गलत टिप्पणी की थी। अलग-अलग जगहों पर FIR हुई थी।

अमित बघेल के खिलाफ 5 राज्यों में 12 FIR

24 नवंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि, वह FIR क्लबिंग जैसे किसी मुद्दे पर हस्तक्षेप नहीं करेगा। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि, पुलिस आपको अलग-अलग राज्यों में ले जाएगी। पूरे देश की सैर का आनंद लीजिए। बता दें कि अमित बघेल पिछले 26 दिनों से फरार थे, उन पर 5 राज्यों में 12 FIR दर्ज है।

अब पढ़िए अमित बघेल ने क्या कहा था ?

छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ने को लेकर 27 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रमुख अमित बघेल ने अग्रसेन महाराज, सिंधी समाज के ईष्ट देवता झूलेलाल पर टिप्पणी की थी। अमित बघेल के बयान के बाद अग्रवाल समाज और सिंधी समाज ने प्रदेशभर और देशभर में प्रदर्शन किया था।

जानिए क्या है मूर्ति विवाद ?

दरअसल, 26 अक्टूबर 2025 को रायपुर के VIP चौक पर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति से तोड़फोड़ की गई। अगले दिन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना मौके पर पहुंची और जमकर हंगामा किया। इस दौरान क्रांति सेना और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी देखने को मिली।

हंगामे के बाद, छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति दोबारा स्थापित कर दी गई। पुलिस ने अगले दिन सुबह राम मंदिर के पास से आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी मानसिक रूप से बीमार था और उसने नशे में मूर्ति तोड़ी थी।

देशभर में अग्रवाल समाज और सिंधी समाज भड़का

अमित बघेल की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद देशभर में अग्रवाल समाज और सिंधी समाज भड़क उठा था। रायपुर, रायगढ़ और सरगुजा समेत कई जिलों में समाज के लोगों ने विरोध जताते हुए FIR दर्ज करने की मांग की थी।

वहीं छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के सलाहकार अनूप मसंद ने बताया था कि अमित बघेल के बयानों से समाज नाराज हुआ है। सिंधी समाज के पदाधिकारियों ने बैठक लेकर पुलिस से शिकायत करने की सहमति बनाई। सिटी कोतवाली थाने में अमित बघेल के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी।

2022 में भूपेश सरकार ने लगवाई थी प्रतिमा

तेलीबांधा तालाब के पास स्थित छत्तीसगढ़ महतारी उद्यान में छत्तीसगढ़ महतारी की मुख्य प्रतिमा स्थापित है। इसका अनावरण 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था। यहीं से 33 जिलों में इसी तरह की प्रतिमाएं लगाने की घोषणा हुई थी।

प्रतिमा में मातृ स्वरूपा महिला को पारंपरिक छत्तीसगढ़ी परिधान-लुगरा और आभूषणों में दर्शाया गया है। उनके एक हाथ में धान की बालियां हैं जो राज्य की कृषि प्रधान संस्कृति का प्रतीक है। दूसरे हाथ में दीपक (दीया) ज्ञान, शांति और समृद्धि का प्रतीक है। सिर पर मुकुट, चेहरे पर तेज और मुद्रा में मातृत्व तथा गौरव की झलक दिखती है।

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