वहीं खबर दिखाए जाने के बाद स्वास्थ्यमंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर कलेक्टर सरगुजा ने लुण्ड्रा बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर) डॉ. राघवेंद्र चौबे को सस्पेंड कर दिया है। रघुनाथपुर में ड्यूटी डॉक्टर अमन जायसवाल को बॉन्ड रिलीव कर दिया गया है। प्रशासन ने दोनों परिवारों को 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि का चेक भी मंगलवार शाम सौंप दिया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, रघुनाथपुर पुलिस चौकी के सिलसिला में रविवार दोपहर दो बच्चे ट्यूबवेल के पास खेल रहे थे। दोनों बच्चे खेलते हुए पास स्थित डबरी में नहाने गए और डूब गए। करीब दो घंटे बाद परिजन उन्हें खोजते हुए मौके पर पहुंचे, तब तक दोनों बच्चों की मौत हो गई थी।
एक बच्चे का नाम सूरज गिरी (5 साल) पिता विनोद गिरी और दूसरे बच्चे का नाम जुगनू गिरी (5 साल) पिता शिवा गिरी है। परिजनों का ये भी आरोप है कि एम्बुलेंस 108 की टीम को घटना की जानकारी दी गई थी। 6-7 बार कॉल किया गया लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची।
दूसरे दिन पोस्टमॉर्टम करने के लिए मांगे गए रुपए
दोनों बच्चों को बाइक से लेकर परिजन रघुनाथपुर हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टर्स के मुताबिक परिजनों ने शवों का पोस्टमॉर्टम करवाने से मना कर दिया और शवों को वापस घर ले गए। समझाइश के बाद वे सोमवार को फिर से शवों का पोस्टमॉर्टम कराने हॉस्पिटल पहुंचे।
मृत बच्चों के परिजनों ने आरोप लगाया कि रघुनाथपुर हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम के लिए पैसे मांगे गए। डॉ. अमन जायसवाल ने दोनों बच्चों के पोस्टमॉर्टम के लिए 10-10 हजार मांगे। कहा कि, कल पोस्टमॉर्टम कराते तो पैसे नहीं लगते।
प्रथम दृष्टया मिली लापरवाही, हुई कार्रवाई
मामला प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल तक पहुंचा तो उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को तत्काल जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। सरगुजा कलेक्टर मंगलवार को सिलसिला पहुंचे और परिजनों से बात की। परिजनों ने आरोपों को दुहराया और बताया कि डॉक्टर अमन जायसवाल ने एक मृत बच्चे के पिता को कमरे में बुलाकर 10-10 हजार रुपए पोस्टमॉर्टम के लिए मांगे थे।
कलेक्टर ने दोनों डॉक्टरों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया। कलेक्टर के निर्देश पर धौरपुर एसडीएम ने पीड़ितों के घर पहुंचकर राहत राशि का चेक सौंपा।