रियाद: पाकिस्तान के आर्मी चीफ और चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) असीम मुनीर को सऊदी अरब की सरकार ने किंग अब्दुलअजीज मेडल से सम्मानित किया है। सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने रियाद में मुनीर को यह सम्मान दिया है। यह सऊदी अरब का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है। मुनीर को इससे सम्मानित किया जाना पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हालिया महीनों में बेहतर होते संबंधों को दिखाता है। दोनों देशों में इस साल एक-दूसरे की रक्षा का वादा करने वाला समझौता भी हुआ है। इसे सऊदी अरब की पाकिस्तानी सेना से करीबी बनाने की कोशिश के तहत देखा जा रहा है ताकि किसी संघर्ष की स्थिति में पाक फौज को अपने लिए लड़ाया जा सके।
सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद ने एक्स पर अपनी और असीम मुनीर की तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें वह पाक आर्मी चीफ को सम्मानित कर रहे हैं। खालिद ने लिखा, ‘मैंने असीम मुनीर को आपसी सहयोग को बढ़ाने और सऊदी-पाकिस्तानी संबंधों को बेहतर करने में उनके खास प्रयासों के लिए किंग अब्दुलअजीज मेडल ऑफ एक्सीलेंट क्लास से सम्मानित किया है। मीटिंग के दौरान मैंने उनके साथ अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों के साथ-साथ आपसी हित के विषयों पर चर्चा की।
मुनीर ने सऊदी का किया धन्यवाद
पाकिस्तान की सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि असीम मुनीर ने सऊदी रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति, रक्षा और सैन्य सहयोग, रणनीतिक सहयोग और उभरती भू-राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा की है। इस दौरान दोनों ने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच संबंधों को और बेहतर करने पर जोर दिया।असीम मुनीर ने सऊदी अरब का सर्वोच्च सम्मान मिलने को अपने लिए गौरव की बात कही है। उन्होंने इसके लिए दो पवित्र मस्जिदों के संरक्षक और सऊदी नेतृत्व का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस पुरस्कार को पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच स्थायी संबंधों का प्रतीक बताया है।
सऊदी-पाकिस्तान संबंध
इस साल सितंबर में पाकिस्तान और सऊदी अरब के साथ एक अहम हुआ है। यह रक्षा समझौता नाटो स्टाइल केा है। इस समझौते में एक देश पर बाहरी हमले को दोनों देशों पर अटैक माना जाएगा। यानी अगर कोई देश सऊदी अरब पर हमला करता है तो समझौते के तहत पाकिस्तान की सेना उसकी रक्षा के लिए आएगी। इसके बाद अब असीम मुनीर को सऊदी ने अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। इससे पता चलता है कि दोनों देशों में आने वाले समय में रक्षा क्षेत्र में ज्यादा समन्वय देखने को मिल सकता है।