भोपाल – औक़ाफ़-ए-शाही भोपाल ने इंसानी खिदमत के क्षेत्र में एक और सराहनीय कदम उठाते हुए सूफिया मस्जिद परिसर, कोह-ए-फ़िज़ा में गुस्ल-ए-मय्यत के लिए गुस्लखाने की तामीर का शुभारंभ किया।यह परियोजना औक़ाफ़-ए-शाही की मुतवल्ली सबा सुल्तान की रहनुमाई और मंशा पर शुरू की गई है। इसकी तामीर का जिम्मा एक्ज़ीक्यूटिव कम एडवाइजरी कमेटी के सीनियर मेम्बर सिकंदर हफ़ीज़ ने संभाला है।
संग-ए-बुनियाद 05 अक्टूबर को क़ाज़ी-ए-शहर भोपाल, क़ाज़ी सैयद मुश्ताक़ अली के हाथों रखा गया। तक़रीब का आग़ाज़ तिलावत-ए-क़ुरआन पाक से हुआ, जिसके बाद क़ाज़ी साहब ने औक़ाफ़-ए-शाही और सबा सुल्तान की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम इंसानी खिदमत का बेहतरीन उदाहरण है।
सबा सुल्तान ने इस पहल के पीछे अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि,
“औक़ाफ़-ए-शाही हमेशा से जनसेवा और धार्मिक कार्यों में अग्रणी रहा है। सूफिया मस्जिद परिसर में यह गुस्लखाना समाज के लिए एक स्थायी सुविधा सिद्ध होगा। हमारी कोशिश है कि औक़ाफ़ की संपत्तियों का उपयोग जनहित और इंसानी भलाई के लिए अधिकतम किया जाए।”
सिकंदर हफ़ीज़ ने इस मौके पर अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा —
“गुस्ल-ए-मय्यत के लिए यह गुस्लखाना तामीर करना मेरे लिए सिर्फ़ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक सवाब का काम है। यह इंसानी खिदमत और दीन की अज़मत से जुड़ा हुआ अमल है। हमारी कोशिश है कि औक़ाफ़-ए-शाही की तमाम सेवाओं में वह जज़्बा शामिल रहे, जो समाज के हर तबके तक आसानी और सहूलियत पहुंचाए। अल्लाह तआला इस काम को कबूल फरमाए और इसे सदक़ा-ए-जारीया बनाए।”
इस मौके पर आज़म अली ख़ान, एडमिनिस्ट्रेटिव मैनेजर फ़र्रूख़ किबरिया, औक़ाफ़-ए-शाही स्टाफ़ व शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।