बांग्लादेश में हिंसा पर चीन ने तोड़ी चुप्‍पी, चुनाव पर मोहम्‍मद यूनुस को दिया कड़ा संदेश

बीजिंग: चीन ने बांग्लादेश हो रही हिंसक घटनाओं पर चिंता जताते देश में तय समय पर चुनाव कराने पर जोर दिया है। चीन की ओर से कहा गया है कि वह बांग्लादेश में फरवरी में चुनाव और स्थिरता के अपने पारंपरिक राजनयिक रुख पर कायम है। चीन का बयान ऐसे समय आया है, जब बांग्लादेश में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हिंसा की वजह से देश में प्रस्तावित चुनाव के टाले जाने का अंदेशा जताया जा रहा है। बांग्लादेश में अगले वर्ष 12 फरवरी को चुनाव होना है।

बांग्लादेश की स्थिति पर पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘चीन ने स्पष्ट कहा है कि हम बांग्लादेश में सुरक्षित, स्थिर और सुचारू संसदीय चुनाव चाहते हैं। हमारा मानना है कि बांग्लादेश के विभिन्न क्षेत्र महत्वपूर्ण राजनीतिक एजेंडों को ठीक से आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय एकता और स्थिरता बनाए रखेंगे।’ चीन ने तय समय पर चुनाव पर जोर देकर यूनुस सरकार को कड़ा संदेश दिया है क्योंकि उन्होंने कई बार इलेक्शन में टालमटोल का रवैया दिखाया है।

बीजिंग-ढाका संबंध

चीन की नजर बांग्लादेश की स्थिति पर लगी हुई है क्योंकि हालिया वर्षों में उसके संबंध ढाका से काफी बेहतर हो गए हैं। पिछले कुछ सालों में ढाका के लिए चीन मुख्य आर्थिक और रणनीतिक पार्टनर बनकर उभरा है। खासतौर से मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद से चीन ने आर्थिक के साथ-साथ सैन्य सहयोग भी ढाका से बढ़ाया है।बांग्लादेश में जारी हिंसा का हवाला देते हुए चुनाव टाले जाने की आशंका कई एक्सपर्ट जता रहे हैं। खालिदा जिया की सरकार में वाणिज्य मंत्री रहे आमिर खसरू महमूद चौधरी ने भी यूनुस प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने भीड़ के हिंसक विरोध प्रदर्शनों को चुनाव रोकने के ‘औजार’ के तौर पर इस्तेमाल किए जाने का शक जताया है।

बांग्लादेश के आगामी चुनाव को टालने पर नाराजगी जताते हुए देश के अहम राजनीतिक दल बीएनपी ने कहा है कि वह इसके पक्ष में नहीं है। बीएनपी ने पहले भी जल्दी से जल्दी चुनाव कराने पर जोर दिया है। बीएनपी नेताओं ने एक बार फिर कहा है कि फरवरी में होने वाले चुनाव का लोगों को इंतजार है। आम लोगों के अलावा उम्मीदवार भी अपने क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
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