बीजिंग/इस्लामाबाद: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हथियार भारत का कुछ भी बिगाड़ नहीं पाए थे। भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को उड़ाया और पाकिस्तान-पीओके स्थिति 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया। जिसके बाद पाकिस्तान के सैन्य एक्सपर्ट्स ने कहना शुरू कर दिया था कि भारतीय मिसाइलों को रोकने का पाकिस्तान के पास कोई जवाब नहीं है, इसलिए पाकिस्तान को एक ऐसे युद्ध लड़ने पर विचार करना चाहिए, जिससे भारत को नुकसान पहुंचाया जा सके। पाकिस्तान अब ऐसे ही युद्ध लड़ने की तैयारी कर रहा है।
पाकिस्तानी सैन्य एक्सपर्ट्स ड्रोन स्वार्म की सलाह दे रहे थे और अब चीन ने पाकिस्तान को ड्रोन स्वार्म युद्ध की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है। चीन ने पाकिस्तान के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास किया है, जिसमें खास तौर पर ड्रोन स्वार्म पर फोकस किया गया है। ड्रोन स्वार्म युद्ध में एक साथ दर्जनों, जिनकी संख्या कई सौ तक हो सकती है, उससे एक साथ हमला करना होता है। ड्रोन स्वार्म में एक साथ इने ज्यादा ड्रोन भेजे जाते हैं, जिन्हें इंटरसेप्ट करने में एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम भी कनफ्यूज हो जाते हैं और नुकसान होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। यूक्रेन ने ड्रोन स्वार्म के जरिए ही एक ही हमले में रूस के कम से कम 12 लड़ाकू विमानों को तबाह कर दिया था।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर ड्रोन स्वार्म और एडवांस लड़ाई की संयुक्त तैयारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन-पाकिस्तान वॉरियर-IX संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास में स्टार हथियार और उपकरण, जिसमें मानवरहित उपकरण और Z-10 अटैक हेलीकॉप्टर शामिल थे, उसने हिस्सा लिया। ये सैन्य अभ्यास पिछले हफ्ते पाकिस्तान में खत्म हुआ है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक ये सैन्य अभ्यास दिसंबर महीने में आयोजित किए गये थे, जिसमें चीन और पाकिस्तान की सेनाओं ने आतंकवाद से लड़ने, ज्वाइंट हमला करने की थीम पर युद्धाभ्यास किए गये हैं। ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि इस युद्धाभ्यास की खास बात इंटीग्रेटेड फॉर्म में ज्वाइंट ट्रेनिंग का शामिल होना है।वहीं, चाइनीज आर्मी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट चाइना मिलिट्री बगुल ने सोमवार को बताया है कि चीन-पाकिस्तान ने मिलकर पहाड़ी इलाके की सफाई, बंधकों को छुड़ाने और समन्वित फायर स्ट्राइक में ट्रेनिंग किए हैं। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, युद्धाभ्यास के अंतिम चरण में दोनों देशों की सेनाओं ने फुल-प्रोसेस, फुल-एलिमेंट लाइव फायर ड्रिल को अंजाम दिया। इस दौरान संयुक्त वायु-थल अभियान चलाए गए, जिनमें कई प्रकार के मानव रहित उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। इनमें मीडियम और हाई-एल्टीट्यूड लॉन्ग-एंड्योरेंस ड्रोन, ड्रोन स्वार्म, लोइटरिंग म्यूनिशन और विस्फोटक निष्क्रिय करने वाले रोबोट शामिल किए गये थे। इन अत्याधुनिक सिस्टम का इस्तेमाल निगरानी, टोही, इलाके की घेराबंदी, क्षेत्र की सफाई और गहराई में जाकर नकली आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने जैसे अभियानों में किया गया। डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन पाकिस्तान को एडवांस युद्ध लड़ने की ट्रेनिंग दे रहा है, क्योंकि दोनों देशों को डर है कि भारत भविष्य में ऑपरेशन 2.0 शुरू कर सकता है।