वॉशिंगटन: अमेरिका की सेना और नौसेना ने 12 दिसंबर को डार्क ईगल लॉन्ग-रेंज हाइपरसोनिक वेपन (LRHW) का इंटीग्रेटेड टेस्टिंग पूरा कर लिया है। इस टेस्ट के साथ ही हाइपरसोनिक मिसाइलों की दुनिया में अमेरिका एक बार फिर से चीन और रूस से आगे निकलने की रेस में शामिल हो चुका है। अमेरिकन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे रूस की S-400 और S-500 जैसी अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम को मात देने के लिए डिजाइन किया गया है। अमेरिकी सेना के मुताबिक, यह हथियार पारंपरिक मिसाइल सिस्टम्स की तुलना में काफी ज्यादा तेज, घातक और एडवांस रडार की पकड़ से बाहर है। अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि यह मिसाइल बीजिंग या मॉस्को जैसे शहरों को सिर्फ 20 मिनट के भीतर निशाना बना सकती है।
रैपिड कैप
डार्क ईगल हाइपरसोनिक मिसाइल की क्षमता क्या है?
यूरेशियन टाइम्स में लिखते हुए भारत के रिटायर्ड जगुआर पायलट विजयेन्द्र के ठाकुर ने लिखा है कि डार्क ईगल एक इंटरमीडिएट-रेंज बूस्ट-ग्लाइड हाइपरसोनिक सिस्टम है, जिसमें एक रॉकेट बूस्टर और कॉमन हाइपरसोनिक ग्लाइड बॉडी (C-HGB) शामिल है। लॉन्च के बाद बूस्टर मिसाइल को निर्धारित ऊंचाई और स्पीड तक ले जाता है, जिसके बाद ग्लाइड, बॉडी से अलग होकर बेहद तेज रफ्तार और अनिश्चित दिशा में लक्ष्य की तरफ बढ़ जाती है। इसकी अनुमानित रेंज करीब 3,500 किलोमीटर बताई जा रही है। हालांकि आधिकारिक रूप से इसकी स्पीड Mach 5 से ज्यादा कही गई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी दूरी 20 मिनट में तय करने के लिए इसकी क्रूज स्पीड Mach 10 के आसपास होनी चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे यह साफ होता है कि घोषित Mach 5 शायद इसकी टर्मिनल स्पीड है, न कि मैक्सिमम स्पीड।