सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले में 15 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। वहीं, एक आतंकी भी मारा गया है। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने सिडनी में हनुका उत्सव के दौरान हुई जानलेवा गोलीबारी के पीछे दो बंदूकधारियों की पहचान कर ली है। दोनों आतंकियों की पहचान एक पिता और बेटे के रूप में की गई है, जिनकी उम्र 50 और 24 साल है। पुलिस ने यह भी पुष्टि की है कि इस हमले में कोई और हमलावर शामिल नहीं था। वहीं अब पता चल रहा है कि दोनों आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले हैं।
इस बीच सिडनी के बोंडी बीच पर हनुका समारोह के दौरान हुए भीषण आतंकी हमले के बीच एक आम नागरिक ने असाधारण साहस दिखाकर कई जिंदगियां बचा ली हैं। अगर उस शख्स ने अपनी जान दांव पर नहीं लगाया होता तो मौत का आंकड़ा और भी ज्यादा बढ़ सकता था। अहमद अल अहमद नाम के 43 साल के शख्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर एक बंदूकधारी आतंकी से उसका बंदूक छीन लिया
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा गया कि काले कपड़े पहने एक हमलावर के हाथ में राइफल थी, तभी अहमद पीछे से उस पर झपट पड़े, बंदूक छीन ली और उसे हमलावर की ओर तान दिया, जिससे वो आतंकी पीछे हटने पर मजबूर हो गया। इस साहसिक कदम को दुनियाभर में सराहा जा रहा है और अहमद को "बोंडी बीच का हीरो" कहा जा रहा है। स्थानीय मीडिया आउटलेट 7NEWS ने बहादुर शख्स की पहचान की जिसने बहादुरी से बंदूकधारी को पकड़ा था। रिपोर्ट में बताया गया है कि अहमद को भी आतंकी को पकड़ने के दौरान दो गोली लगी है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अहमद सिडनी के सदरलैंड शायर के रहने वाले हैं और दो बच्चों के पिता हैं। वह फल बेचते हैं। रविवार रात (स्थानीय समय के मुताबिक) उनकी सर्जरी होनी थी।