इंडिगो के 4 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर सस्पेंड:सस्ती एयरलाइन की शुरुआत करने वाले गोपीनाथ बोले- ये संकट ओवरकॉन्फिडेंस का नतीजा

नई दिल्ली, देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में जारी संकट के बीच लगातार एक्शन हो रहा है। शुक्रवार को डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एयरलाइन की सुरक्षा और ऑपरेशनल नियमों की देखरेख के लिए जिम्मेदार 4 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है। इनमें रिषराज चैटर्जी, सीमा झमनानी, अनिल कुमार पोखरियाल और प्रियम कौशिक का नाम शामिल है।

इधर, DGCA की चार सदस्यों वाली कमेटी शुक्रवार को भी इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स से मिलेगी। पीटर से पिछले हफ्ते बड़े पैमाने पर फ्लाइट्स कैंसिल होने को लेकर पूछताछ की जाएगी।

इस बीच, देश में कम किराए वाली विमान सेवा शुरू करने वाले कैप्टन गोपीनाथ ने कहा कि इंडिगो संकट शायद इसलिए बढ़ा, क्योंकि एयरलाइन संचालकों में घमंड और ओवरकॉन्फिडेंस आ गया था। इसलिए एयरलाइन हालात नहीं समझ पाई।

कौन हैं कैप्टन गोपीनाथ

कैप्टन आर. गोपीनाथ 2003 में एयर डेक्कन लेकर आए थे। उन्होंने ही भारत में कम लागत वाली एयरलाइन (LCC) मॉडल की शुरुआत की थी। एयर डेक्कन ने एटीआर टर्बोप्रॉप विमानों के साथ ऑपरेशन शुरू किया था। हालांकि एयरलाइन के घाटे में जाने के बाद निवेशकों के दबाव में 2008 में उन्हें एयर डेक्कन को विजय माल्या को बेचना पड़ा। माल्या ने इसे किंगफिशर नाम दिया।

गोपीनाथ ने एयर डेक्कन को बर्बाद करने के लिए इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को दोषी ठहराया है।

गुरुवार को भी इंडिगो की 200 फ्लाइट्स कैंसिल हुईं

गुरुवार को दिल्ली और बैंगलोर एयरपोर्ट पर 200+ फ्लाइट कैंसिल हुईं। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने एयरलाइन को जो आम तौर पर करीब 2,300 फ्लाइट्स ऑपरेट करती है, अपने विंटर शेड्यूल को 10 परसेंट कम करने का भी निर्देश दिया है।

गोपीनाथ के बयान की बड़ी बातें …

  • 1 नवंबर से लागू हुए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के दूसरे फेज को लागू करने में सही प्लानिंग की कमी ही 2 दिसंबर से शुरू हुए संकट का कारण है।
  • नए नियमों के साथ, एयरलाइन के पास अपनी फ्लाइट्स ऑपरेट करने के लिए पर्याप्त संख्या में पायलट नहीं थे।
  • जब बॉटम लाइन, रेवेन्यू और प्रॉफिट में ग्रोथ और स्टॉक मार्केट पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है तो ऐसा होता है कि वे पायलट और दूसरे स्टाफ की बात सुनना बंद कर देते हैं।
  • इंडिगो ने टिकट बेचने से पहले फ्लाइट्स की संख्या कम कर दी होती, तो सब कुछ ठीक होता।
  • DGCA को पूरी तरह से एक इंडिपेंडेंट रेगुलेटर होना चाहिए और इसमें कोई भाई-भतीजावाद और कोई पॉलिटिकल असर नहीं होना चाहिए।
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