इजरायली सेना को जल्द मिलेगा आयरन बीम लेजर सिस्टम, दुनिया का ऐसा पहला हथियार, जानें कितना ताकतवर

तेल अवीव: इजरायल की वायु सेना को इसी साल दिसम्बर के आखिर तक आयरन बीम लेजर वेपन सिस्टम आयरन बीम मिलने जा रहा है। इस लेजर वेपन को ड्रोन, UAV, रॉकेट और मोर्टार शेल को मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है। इस लेजर हथियार ने हाल ही में अपने कई सफल ऑपरेशनल टेस्ट पूरे किए हैं। आयरन बीम डिफेंस सिस्टम को बनाने वाली कंपनी राफेल ने इसे दुनिया में अपनी तरह का पहला हथियार बताया है। राफेल चेयरमैन युवल स्टीनिट्ज ने कहा कि इससे ‘नामुमकिन को मुमकिन बनाने की उम्मीद’ है। इस हथियार की तैनाती के साथ ही इजरायल ऐसा करने से बचते हैं।

इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने इसी साल सितम्बर में बताया था कि कम लागत वाले हाई-पावर बेस्ड आयरन बीम सिस्टम की टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। इसके साथ ही साल के अंत तक सेना में शामिल करने की भी जानकारी दी थी। आयरन बीम को राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम्स ने विकसित किया है। यह नया लेजर हथियार इजरायल के आयरन डोम, डेविड स्लिंग और एरो एंटी-मिसाइल सिस्टम का साथ देगा।

आयरन बीम की खासियत

आयरन बीम एक जमीन पर तैनात होने वाला हाई पावर आधारित एयर डिफेंस सिस्टम है। इसमें एक एडवांस्ड टारगेटिंग सिस्टम है जो ऑपरेशनल रेंज को बढ़ाता है। आयरन बीम लेजर सिस्टम की सबसे खास बात इसकी बेहद कम लागत है। अभी इजरायल को रॉकेट इंटरसेप्ट करने के लिए कम से कम 50000 डॉलर प्रति इंटरसेप्ट का खर्च आता है, जबकि आयरन बीम के लिए यह 3-4 डॉलर मात्र है। अभी यह मुख्य रूप से छोटी मिसाइलों और ड्रोन पर फोकस करता है। राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम की वेबसाइट के अनुसार, यह सैकड़ों मीटर से लेकर कई किलोमीटर की रेंज तक के खतरों से तेजी से और असरदार तरीके से निपटता है और उन्हें बेअसर कर देता है। लाइट की रफ्तार से लड़ने वाले IRON BEAM में अनलिमिटेड मैगजीन होती है।

दुनिया में पहली बार

इजरायली रक्षा मंत्रालय ने पहले बताया था कि यह दुनिया में पहली बार है जब कोई हाई-पावर लेजर इंटरसेप्शन सिस्टम पूरी तरह से ऑपरेशनल मैच्योरिटी तक पहुंच गया है। राफेल चेयरमैन युवल स्टीनिट्ज ने इसी आधुनिक युद्ध पर एक गेम-चेंजिंग सिस्टम बताया है, जो पहले कभी नहीं देखा गया है।

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