लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को यूपी की राजधानी लखनऊ में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान वे अटल बिहारी वाजपेयी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं. दीन दयाल उपाध्याय की कांस्य प्रतिमाओं का अनावरण करेंगे। एक अत्याधुनिक संग्रहालय का निरीक्षण भी करेंगे। यह प्रेरणा स्थल लगभग 230 करोड़ की लागत से 65 एकड़ में विकसित किया गया है, जो कभी कूड़े का ढेर हुआ करता था।यह राष्ट्र प्रेरणा स्थल ऐसी जगह बनाया गया है जहां कभी कूड़े का ढेर था और लोग यहां आने से भी कतराते थे। आईआईएम रोड स्थित घैला इलाका कभी कूड़े के ढेर के लिए जाना जाता था, जहां हर तरफ दुर्गध और गंदगी फैली नजर आती थी। कूड़े के ढेर के चलते गोमती नदी दूषित हो रही थी और इलाके की उपजाऊ जमीन भी जहरीली होती जा रही थी।
नगर निगम ने उठाया बीड़ा
इस बदनुमा दाग को खत्म करने का बीड़ा नगर निगम ने उठाया था। उस वक्त घैला डंपिंग ग्राउंड से साढ़े 6 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़े का ढेर हटाना नगर निगम के अफसरों के लिए एक बड़ी चुनौती थी। अफसरों ने इस चुनौती को स्वीकार कर कूड़े को शिवरी शिफ्ट करने का ब्लू प्रिंट तैयार किया।
छह साल लगे भूमि को उपजाऊ करने में
नगर निगम को इस काम में छह साल का वक्त लगा। जब जमीन पहले जैसी उपजाऊ हो गई, तब 65 एकड़ जमीन को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंप दिया गया। एलडीए ने तीन साल में इस पूरे इलाके को भव्य राष्ट्र प्रेरणा स्थल के रूप में विकसित कर दिया।
13 करोड़ रुपये हुए खर्च
कूड़े के डंपिंग ग्राउंड को समतल करना एक बहुत बड़ी चुनौती थी। इसमें लगभग 6 साल का समय लगा और 13 करोड़ रुपये खर्च कर कूड़े को मोहान रोड स्थित शिवरी में शिफ्ट कर जमीन को समतल किया गया। इस पूरे इलाके में लिगेसी वेस्ट के कारण जमीन खराब हो चुकी थी। इसे ठीक करने का जिम्मा एक एजेंसी को दिया गया। एजेंसी द्वारा लिगेसी वेस्ट को खत्म करने में करीब डेढ़ साल लगे। इस कवायद के बाद जमीन एलडीए को सौंपी गई।