मंत्री विजयवर्गीय बोले- स्मार्ट सिटी का काम दिखता नहीं

मप्र की मोहन सरकार के दो साल पूरे होने पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने विभाग की दो सालों की उपलब्धियां गिनाईं।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री विजयवर्गीय से पत्रकारों ने पूछा: 2014 में बीजेपी सरकार ने स्मार्ट सिटी का कॉन्सेप्ट लॉन्च किया था। पूर्व मुख्यमंत्री जी ने हर जगह स्मार्ट सिटी की घोषणा की? सिंगरौली, सतना, भोपाल ग्वालियर पूरे प्रदेश में स्मार्ट सिटी अनाउंस की। सौ करोड़ रूपए आया। उसमें अब तक कहां-कहां स्मार्ट सिटी बन चुकी हैं?

विजयवर्गीय बोले: कुछ काम दिखते नहीं इस सवाल के जवाब में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- नगर निगम के कुछ काम विजिबल होते हैं और कुछ विजिबल नहीं होते हैं। जैसे स्मार्ट सिटी में बहुत बड़ी ड्रेनेज लाइन डल गई। भोपाल, सतना में जब ड्रेनेज लाइन डल रही थी तो लोगों को बहुत परेशानी हो रही थी। क्योंकि, बड़ी मेन ड्रेनेज लाइन डल रही थी। पूरी सड़क खुदी हुई थी मार्केट में से निकल रही थी। लोगों ने बहुत गालियां दीं, अखबारों ने खूब छापा। अब वो बन गई उसके ऊपर सड़क बन गई। वो कितने करोड़ की है मुझे पता नहीं। लेकिन, वो शहर की आवश्यकता थी।

विजयवर्गीय ने कहा- ऐसे ही वाटर सप्लाई के लिए डिस्ट्रीब्यूशन लाइन डालते हैं। शहर में खुदाई होती है उसे बाद में रिस्टोर करते हैं। पैसा जमीन के अंदर खर्च हो जाता है वो दिखाई देता नहीं, लोग हमसे कहते हैं आपने स्मार्ट सिटी का पैसा कहां लगा दिया, सिटी तो स्मार्ट हुई नहीं? सिटी स्मार्ट हुई है।

विजयवर्गीय ने कहा-

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लोगों के घर तक पानी पहुंच रहा है। उनके घर में ड्रेनेज भरा रहता था अब घर साफ रहता है। ये ऐसी चीजें हैं जो विजिबल है। कुछ विजिबल हैं कुछ नॉन विजिबल हैं। इसलिए लोग कहते हैं कि नगर निगम का तीन सौ करोड़ रूपया खर्च हो गया, कहां चला गया? भई जमीन के अंदर दो सौ करोड़ रुपया हैं आपको दिख नहीं रहे हैं। इसलिए प्रश्न उठते हैं। वो इसलिए नहीं दिख रहे क्योंकि जमीन के अंदर जो काम होता है वो नहीं दिखता। हमने जो ड्रेनेज लाइन डाली है वो 5-10 और 20 साल की जनसंख्या कितनी होगी उसके हिसाब से डालते हैं उसमें बड़ा खर्चा होता है।

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सवाल: मास्टर प्लान अब तक नहीं आया, विजयवर्गीय: इंदौर, भोपाल का मास्टर प्लान बनकर तैयार है। एक प्रक्रिया होती है मुख्य सचिव ने देख लिया है जल्दी ही मुख्यमंत्री जी के साथ हम लोग बैठेंगे। उनकी व्यस्तता है उसके कारण बैठ नहीं पा रहे हैं क्योंकि उसमें तीन चार घंटे का समय लगने वाला है। मुख्यमंत्री जी जब भी बैठकर उस प्लान को फाइनल कर देंगे। इंदौर-भोपाल का मास्टर प्लान तैयार है।

सवाल: सिटी ट्रांसपोर्ट व्यवस्थित नहीं हैं? विजयवर्गीय: सिटी ट्रांसपोर्ट की बात आई। तो पहले कभी राज्य परिवहन निगम की बसें चलतीं थीं। ग्रामीण क्षेत्रों से बहुत आवाज आती थी कि बसें चलना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने परिवहन विभाग को यह जवाबदारी सौंपी है। वो इस विभाग में काम कर रहा है। हमारे विभाग और परिवहन विभाग की कोआर्डिनेशन मीटिंग हो चुकी है। हमारे पास 600 बसें भारत शासन के सहयोग मिल रहीं हैं। कुछ शहरी और कुछ ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में लाने वाले हैं। रोडवेज जैसा संगठन तो नहीं बन रहा लेकिन दोनों के समन्वय से पूरे प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हम ट्रांसपोर्टेशन चालू करने जा रहे हैं।

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