किसी मैच में यदि टॉस हो और खेल भी शुरू हो जाए तो उसके रद्द होने का क्या कारण हो सकता है? आप कहेंगे कि बारिश हो गई होगी या स्टेडियम में दंगा हो गया होगा। लेकिन हम आपको बताएं कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, फिर भी एक इंटरनेशनल मैच 28 साल पहले आज ही के दिन यानी 25 दिसंबर, 1997 को तब रद्द घोषित कर दिया गया, जब उसमें 18 गेंद का खेल हो चुका था। यह मैच भारत और श्रीलंका के बीच इंदौर में खेला जा रहा था, जिसे खतरनाक पिच होने के कारण अंपायरों ने बल्लेबाजों की मांग पर बीच में ही रोक दिया। इसके बाद पिच की जांच की गई और मैच को रद्द घोषित कर दिया गया। क्रिकेट इतिहास में यह पहला मौका था, जब कोई इंटरनेशनल मैच ‘असुरक्षित पिच’ के कारण रद्द किया गया था। मैच रद्द होने पर दर्शक ऐसे भड़के थे कि भारत के कप्तान सचिन तेंदुलकर और श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा की गिरफ्तारी के लिए मुकदमा कर दिया गया।
क्रिसमस की छुट्टी पर थी स्टेडियम में भारी भीड़
भारत और श्रीलंका के बीच 1997 में 3 वनडे की सीरीज का दूसरा मैच इंदौर में 25 दिसंबर को खेला जाना था। क्रिसमस की छुट्टी होने के चलते स्टेडियम खचाखच दर्शकों से भरा हुआ था। पहला मैच भारत ने गुवाहाटी में आसानी से 7 विकेट से जीत लिया था। इसके बाद दोनों टीमों करीब 500 किलोमीटर का सफर करके इंदौर पहुंची थीं। दर्शकों को जबरदस्त मैच होने की उम्मीद थी।
ऐन मौके पर बदली जा रही थी पिच, रेफरी ने रोका
टीम इंडिया ने इस मैच के लिए बाउंस वाली घास से भरी पिच मांगी थी ताकि श्रीलंका के बल्लेबाजों के स्ट्रोकप्ले पर कंट्रोल लगाया जा सके। इसके उलट पिच क्यूरेटर नरेंद्र मेनन ने धूल भरी पारंपरिक भारतीय पिच तैयार की थी, जिस पर क्रैक दूर से ही दिख रहे थे। हालांकि मेनन का दावा था कि इस पिच पर स्पिन और पेस, दोनों गेंदबाजों को मदद मिलेगी। लेकिन टीम इंडिया के मैनेजमेंट ने उन्हें दूसरी पिच तैयार करने को कहा। ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, टीम मैनेजमेंट और मेनन के बीच तीखी बहस के बाद दूसरी पिच पर पानी डालकर उस पर रोलर चलाया जाने लगा, तभी श्रीलंकाई टीम भी स्टेडियम पहुंच गई। श्रीलंका ने पिच बदलने पर आपत्ति जताई और मैच रेफरी अहमद इब्राहिम से इसकी शिकायत की। जिम्बाब्वे के अहमद ने पहली पिच पर ही मैच कराने का आदेश दे दिया।
रणतुंगा ने टॉस जीतकर ली बल्लेबाजी
मैच शुरू होने से पहले दोनों टीमों को पिच के असामान्य व्यवहार करने की संभावना का पता चल चुका था। श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। उन्होंने यह फैसला इस कारण किया ताकि पिच खराब होने पर भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी हो और उनके गेंदबाजों को मदद मिले। उन्हें इस पिच से स्पिनरों को 1996 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में कोलकाता के ईडन गार्डंस की पिच जैसी मदद मिलने की उम्मीद थी, जब भारतीय बल्लेबाजी के समय तक पिच पूरी तरह टूट गई थी और श्रीलंकाई स्पिनरों ने कहर बरपा दिया था।
मैच शुरू होते ही गेंद ने दिखाया खेल
भारत के लिए तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने पहला ओवर फेंका। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीनाथ अपनी पूरी गति से गेंद नहीं कर रहे थे, लेकिन उनकी गेंद का उछाल और मूवमेंट बल्लेबाजों के लिए खेलना असंभव दिखा। चौथी गेंद पर रोमेश कालूवितरना ड्राइव की कोशिश में बोल्ड हो गए। पांचवी गेंद पर रोशन महानामा ने एक रन लिया, लेकिन आखिरी गेंद गुड लेंग्थ से असामान्य तरीके से उछली। यह गेंद सनथ जयसूर्या के बल्ले का किनारा लेकर पहली स्लिप में गई, जहां राजेश चौहान ने आसान कैच छोड़ दिया। कप्तान सचिन तेंदुलक ने दूसरे छोर से ऑफ स्पिनर राजेश चौहान को गेंदबाजी दी, जिनकी पहली ही गेंद ऑफ स्टंप के बेहद बाहर पिच होने के बाद इतनी घूमी कि लेग स्टंप के भी पार होते हुए पिच के दूसरे छोर पर पहुंच गई। विकेटकीपर नयन मोंगिया चकमा खा गए और बाई का चौका श्रीलंका को मिल गया। ओवर की बाकी 5 गेंद भी इसी तरह जबरदस्त घुमाव ले रही थी।
पारी के तीसरे ओवर में ऊंची-नीची गेंदों ने डराया
श्रीनाथ पारी का तीसरा ओवर लेकर आए। पहली गेंद मुश्किल से घुटनों के भी नीचे तक उठी तो दूसरी गेंद गुड लेंग्थ से बाउंस लेती हुई बल्लेबाज के चेहरे तक पहुंच गई। श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने रिस्क उठाकर आगे बढ़कर शॉट खेलने का निर्णय लिया, लेकिन ओवर की आखिरी गेंद अचानक बाउंस होकर रोशन महानामा के ग्लव्स पर लगी। इसके बाद दोनों बल्लेबाजों ने अंपायर से पिच के असामान्य व्यवहार की शिकायत की और खेल रोक दिया गया। हर कोई देख रहा था कि गेंदबाजों को खेलना असंभव हो रहा है और किसी भी बल्लेबाज को घातक चोट लग सकती है।
एक घंटा चली बहस और मैच हो गया रद्द
श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा मैदान में आ गए और भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर से बात करने लगे। थोड़ी देर में मैच रेफरी इब्राहिम और अन्य अधिकारी भी उनकी बहस में शामिल हो गए। करीब एक घंटे बाद मैच रेफरी ने पिच को खतरनाक बताते हुए मैच रद्द कर दिया। इस पर मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के अधिकारी और स्थानीय जिला प्रशासन नाराज हो गया। उन्होंने पिच को सही बताते हुए मैच कराने की मांग की।
दूसरी पिच पर खेला 25-25 ओवर का प्रदर्शनी मैच
स्थानीय अधिकारियों ने मैच रद्द होने पर स्टेडियम में दंगा होने की आशंका जताई, क्योंकि नेहरू स्टेडियम में उस समय करीब 25,000 लोग मौजूद थे और लगातार खेल शुरू करने के लिए नारेबाजी कर रहे थे। भीड़ को शांत रखने के लिए बराबर वाली पिच पर दोनों टीमों के बीच 25-25 ओवर का प्रदर्शनी मैच खेलना तय किया गया, जिसे दोनों कप्तानों ने बेमन से मान लिया।
वकील ने कर दिया रणतुंगा, तेंदुलकर पर मुकदमा
मैच रद्द होने का अजब रिएक्शन हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, एकतरफ BCCI ने कपिल देव (Kapil Dev) को पिच की जांच के लिए भेजा ताकि पूरा मामला समझा जा सके। दूसरी तरफ एक स्थानीय वकील ने रणतुंगा, तेंदुलकर और मैच रेफरी इब्राहिम की गिरफ्तारी की मांग वाली याचिका दाखिल कर दी। उन्होंने इन तीनों पर अपने और अन्य दर्शकों के मैच देखने के अधिकार को छीनने का आरोप लगाया। पिच की हालत इतनी खराब थी कि कमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री ने उस पर अपने जूते की नोक से हल्की सी ठोकर मारी तो इससे ही पिच में गड्ढा बन गया।
12 साल बाद फिरोजशाह कोटला में दोहराया गया यही कारनामा
यह इकलौता मौका नहीं है, जब भारत और श्रीलंका के बीच वनडे मैच पिच के कारण रद्द हुआ है। इंदौर वनडे के करीब 12 साल बाद दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में भी यही वाकया दोहराया गया। श्रीलंकाई बल्लेबाज बैटिंग कर रहे थे तो गेंद टप्पा खाने के बाद भयानक तरीके से उछल रही थी। तेज गेंदबाज सुदीप त्यागी की गेंद पर श्रीलंकाई बल्लेबाज घायल भी हो गए। इसके बाद बल्लेबाजों की शिकायत पर 12.2 ओवर के खेल के बाद मैच को रद्द कर दिया गया था।