चोरी की मास्टरमाइंड निकली भतीजी:भोपाल में प्रॉपर्टी डीलर के घर चोरी की साजिश बॉयफ्रेंड संग रची

भोपाल की कोहेफिजा पुलिस ने ओम नगर हलालपुरा में रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर आनंद पाराशर के घर से दो करोड़ रुपए के जेवरात चोरी के मामले का खुलासा कर दिया है। वारदात की मास्टरमाइंड आनंद की भतीजी डॉली पाराशर निकली है, जिसने अपने बॉयफ्रेंड अंकित तिवारी के साथ मिलकर चोरी की योजना बनाई थी।

अंकित ने कॉन्ट्रैक्टर दोस्त रवि विश्वकर्मा को प्लानिंग में शामिल किया। रवि ने साथी अंकित तिवारी, देवाशीष शर्मा और अजय शाक्य के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। यह घटना 29 सितंबर 2025 की है, जिसकी एफआईआर आनंद के पड़ोस में रहने वाले कमल शोभानी ने दर्ज कराई थी।

वारदात के दिन आनंद की बेटी की ग्वालियर में रिंग सेरेमनी थी, इसी में शामिल होने पूरा परिवार गया था। डॉली भी वहीं थी और फोन पर कहां, क्या रखा है? इस बात की जानकारी आरोपियों तक पहुंचा रही थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, पीडीएसटीएन डॉटा एनालाइज और मुखबिरों की सूचनाओं के आधार पर मामले का खुलासा सोमवार की दोपहर किया है।

डॉली, रवि और देवाशीष को गिरफ्तार कर लिया है। दो आरोपी अजय शाक्य और अंकित तिवारी फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से कुल डेढ़ करोड़ रुपए कीमत के 1250 ग्राम सोने के जेवरात सहित चार मोबाइल फोन और 3 चांदी के सिक्के बरामद किए गए हैं। करीब 50 लाख रुपए के जेवरात फरार आरोपियों के पास हैं। वारदात के बाद सभी ने जेवरात आपस में बांट लिए थे।

ऐसे आरोपियों तक पहुंची पुलिस

डीसीपी अभिनव चौकसे ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने के बाद अज्ञात आरोपियों की तलाश के दौरान घटना स्थल और आसपास का PSTN DATA का अवलोकन करा था। इसी के साथ घटना स्थल के आसपास सीसीटीवी फुटेज देखने पर कुछ संदेही नंबरों को चिह्नित किया गया। संदेही फोन नंबरों के धारकों की तलाश के दौरान आरोपी रवि को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से डेढ़ करोड़ रुपए के जेवरात जब्त किए गए।

आरोपियों ने पूछताछ में किया पूरी प्लानिंग का खुलासा

आरोपी रवि विश्वकर्मा ठेकेदारी का काम करता है। उसके खिलाफ पूर्व में मारपीट, चोरी के केस दर्ज हैं। पुलिस ने जांच के दौरान सबसे पहले देवाशीष शर्मा को आनंद के घर से के बाहर रैकी करते सीसीटीवी में चिह्नित किया। जांच में पता लगा कि आरोपी छोला मंदिर थाने से अड़ीबाजी के मामले में जेल भेजा गया है।

जेल से उसे प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। तब उसने बताया कि अंकित तिवारी नाम का युवक रवि विश्वकर्मा नाम के ठेकेदार मेरा दोस्त है। अंकित ने रवि को बताया कि लाल घाटी में रहने वाली उसकी गर्लफ्रेंड के चाचा आनंद पाराशर के पास बहुत पैसा है।

घर में भारी मात्रा में सोने के जेवरात हैं। चाचा की बेटी की रिंग सेरेमनी ग्वालियर में होने वाली है। वे घर की पूरी जानकारी देने को तैयार है, अगर यहां किसी तरह चोरी की जाए तो रातों-रात करोड़पती बन जाएंगे। रवि ने घर का पूरा नक्शा समझा और फुल प्रूफ प्लानिंग की। वारदात को 28-29 सितंबर की दरमियानी रात अंजाम दिया। घर के बाहर की निगरानी रवि और देवाशीष ने की। मैं (देवाशीष) और अजय ने घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया। बाद में चोरी किए माल के हिस्से कर लिए थे। इसके बाद आपस में नहीं मिले।

डॉली और अंकित शादी करना चाहते थे

अंकित पर कई केस दर्ज हैं, डॉली उससे शादी करना चाहती थी। लेकिन अंकित कोई काम नहीं करता था। लिहाजा डॉली ने चाचा के घर चोरी के बाद मिलने वाली रकम से अंकित के साथ भविष्य बनाने की योजना बनाई थी। अगर मामले का खुलासा नहीं होता तो सही समय पर डॉली उसके साथ भाग जाती। दोनों ने शहर छोड़कर दूसरे शहर में बसने का फैसला लिया था।

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