विभागों की समीक्षा:बॉन्ड वाले डॉक्टरों को अच्छा पैसा देकर मप्र में ही रोकें, बेटियों का ड्रॉपआउट रोका जाए

मप्र में मेडिसिन विशेषज्ञ, स्त्रीरोग विशेषज्ञ, अस्थिरोग विशेषज्ञ, पैथोलॉजिस्ट और क्षय रोग विशेषज्ञ का चयन मप्र लोक सेवा आयोग ने तो कर लिया, लेकिन अभी तक विभाग को अधिकृत सूची नहीं दी। ईएनटी ​विशेषज्ञों की नियुक्ति प्रक्रिया में है। दंत शल्य चिकित्सक के लिखित परीक्षा परिणाम जारी हो गए हैं, मगर इंटरव्यू नहीं हुए।

नेत्र रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक विशेषज्ञ और चिकित्सा अधिकारी के इंटरव्यू भी पेंडिंग चल रहे हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के रिव्यू में सामने आई। सीएम डॉ. मोहन यादव ने लगातार दूसरे दिन हेल्थ, महिला एवं बाल विकास व सहकारिता विभाग की समीक्षा की।

डॉक्टरों की कमी पर मुख्यमंत्री ने विभाग को स्पष्ट कहा कि तनख्वाह बढ़ानी पड़े तो बढ़ाओ। डॉक्टर नहीं होते हैं तो मरीज निजी अस्पताल जाता है। सरकार आयुष्मान से इलाज पर 5 लाख तक खर्च कर देती है। यदि ज्यादा वेतन पर एक डॉक्टर भी मिल जाए तो उसका फायदा कई लोगों को मिल सकता है। विभाग ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती की जाएगी।

सीएम ने कहा, मेडिकल की पढ़ाई कर रहे ऐसे विद्यार्थी, जिनकी फीस सरकार भर रही है, ऐसे बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को मध्य प्र देश में ही सेवाएं देने के लिए रोका जाए। जनजातीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में जाने वालों को आकर्षक मानदेय राशि मिले।

सीएम ने कहा कि फील्ड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन के लिए निजी चिकित्सकों की सेवाएं लो। कॉल पर बुलाने के अलावा अच्छा मानदेय (इन्सेंटिव) भी दो। बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को प्रमोट कर, मानदेय को रिवाइज कर सभी नए मेडिकल कॉलेज एवं फील्ड के अस्पतालों में इनकी सेवाएं ली जाएं।

बताया गया कि बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को शासकीय डॉक्टर्स के रूप में भर्ती करने के लिए भर्ती नियम संशोधित किए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि 2028 तक राजगढ़, मंडला, छतरपुर, उज्जैन, दमोह एवं बुधनी में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज शुरू कर देंगे।

कफ सिरप का सबक: कफ सिरप की घटना के बाद विभाग ने सबक लिया है। बैठक में बताया गया ​कि खाद्य प्रशासन की मजबूती के लिए 41.07 करोड़ की योजना मंजूर कर दी गई है। औषधि प्रशासन के सुदृढ़ीकरण के लिए 211 करोड़ रुपए की कार्य योजना बनाई गई है।

सीएम की दो टूक : : सीएम ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग यह ध्यान दे कि किसी भी चरण पर लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का ड्रॉप आउट न हो। सख़्त निगरानी रखी जाए व तुरंत कारणों का पता लगाकर उसे दोबारा योजना में जोड़ा जाए। विभाग ने बताया कि सेंट्रल किचन से शहरी आंगनवाड़ियों में गर्म भोजन की व्यवस्था को 2026 से लागू करेंगे।

नए मेडिकल कॉलेज: पीपीपी मोड पर कटनी, धार, पन्ना व बैतूल जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। पीपीपी मोड पर ही अशोक नगर, मुरैना, रायसेन, सीधी, गुना, बालाघाट, भिंड, टीकमगढ़, खरगौन व शाजापुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए टेंडर निकाले हैं।

सोसायटी में गड़बड़ी : सहकारिता की समीक्षा में डॉ. यादव ने कहा, सोसायटी में काम करने वालों की संपत्ति का ब्यौरा लिया जाए, ताकि गड़बड़ी करने वालों की संपत्ति से वसूली की जा सकी।

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