नई दिल्ली: चांदी की रिकॉर्ड तोड़ चाल जारी है। इस साल चांदी ने 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। जानकारों के मुताबिक इसमें तेजी आगे भी जारी रह सकती है। इसकी वजह है निवेशकों की जबरदस्त मांग और सप्लाई में कमी। विश्लेषकों का कहना है कि चांदी की कीमतें साल 2026 की पहली तिमाही में 20% तक और बढ़ सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी की कीमत
चांदी का औद्योगिक इस्तेमाल बढ़ा
सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है। महंगाई बढ़ने की वजह से लोग कीमती धातुओं में निवेश कर रहे हैं। चांदी सिर्फ पैसे बचाने का जरिया ही नहीं है, बल्कि इसका औद्योगिक इस्तेमाल भी बढ़ रहा है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां और एआई से जुड़ी टेक्नोलॉजी में चांदी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इन उद्योगों में हाल के सालों में काफी निवेश हुआ है।
चांदी की कीमत में बढ़ोतरी के कारण
आने वाले समय में चांदी की कीमतों को बढ़ाने वाले और भी कई कारण हैं। कोटक सिक्योरिटीज के कमोडिटी रिसर्च के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट कायनात चैनवाला का कहना है कि साल 2026 से चीन चांदी के निर्यात को सीमित करने की योजना बना रहा है। इससे सप्लाई का एक बड़ा जरिया बंद हो जाएगा और बाजार में और ज्यादा कमी आ जाएगी।
आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स के कमोडिटी और करेंसी के डायरेक्टर नवीन माथुर का मानना है कि 2026-27 तक सप्लाई की कमी बनी रहेगी। हालांकि 2025 की तुलना में कीमतों में बढ़ोतरी थोड़ी कम हो सकती है। फिर भी उनका कहना है कि 2026 की पहली तिमाही में चांदी सोने से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।