एमपी नगर जोन-2 के व्यावसायिक क्षेत्र में पार्क के लिए आरक्षित जमीन पर दुकानों का निर्माण हो रहा है। यह वही ओपन स्पेस है जिसे 1970-80 के दशक में भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने खुली हवा और पार्किंग के लिए छोड़ा था। अब इस क्षेत्र में निगम ने 32 पक्की दुकानों का निर्माण शुरू कर दिया है। रहवासी और व्यापारी संगठनों ने इसे अवैध बताते हुए मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने इसकी शिकायत भी सीएम से की है।
व्यापारियों का कहना है कि भारत सरकार ने शाहपुरा में हॉकर्स कॉर्नर के विकास के लिए सवा करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की थी। कानूनी अड़चनों के बाद नगर निगम ने यह प्रोजेक्ट एमपी नगर क्षेत्र में डायवर्ट कर दिया। यह भूमि बीडीए की लीज पर है, जबकि निर्माण निगम करा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले दो महीने से इस मामले पर कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन न तो महापौर और न ही नगर निगम कमिश्नर ने इसे रोका। इस कारण अब सीएम से शिकायत करनी पड़ रही है।
पार्किंग सबसे बड़ी समस्या...
एमपी नगर जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में पहले से पार्किंग की बड़ी समस्या है। खुले क्षेत्र में दुकानों के निर्माण से स्थिति और बिगड़ेगी। हर नई दुकान से औसतन 3-4 वाहन जुड़ेंगे, यानी करीब 100 वाहनों की अतिरिक्त पार्किंग जरूरत बनेगी। लोगों ने मांग की है कि निर्माण तत्काल रोका जाए और जमीन का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए किया जाए, जिसके लिए आरक्षित थी। यहां पर दुकानों के शटर और शेड तक नहीं लगे हैं। इसके बाद भी गुमठियां रखी गई हैं।