नई दिल्ली: एचडीएफसी बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से एक बड़ी मंजूरी मिली है। अब एचडीएफसी बैंक के समूह की कंपनियां इंडसइंड बैंक में 9.50% तक की हिस्सेदारी रख सकती हैं। यह मंजूरी 15 दिसंबर को मिली है। यह 14 दिसंबर 2026 तक एक साल के लिए मान्य रहेगी। आरबीआई ने साफ कर दिया है कि किसी भी समय इंडसइंड बैंक के कुल शेयर पूंजी या वोटिंग अधिकारों का 9.50% से ज्यादा हिस्सा नहीं रखा जा सकता। आरबीआई के इस कदम से बैंकिंग सेक्टर में हलचल बढ़ी है।
यह मंजूरी एचडीएफसी बैंक और उसके समूह की कंपनियों की कुल हिस्सेदारी पर लागू होती है। इसमें एचडीएफसी बैंक प्रमोटर या स्पॉन्सर के तौर पर शामिल है। इन कंपनियों में एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, एचडीएफसी ईआरजीओ जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, एचडीएफसी पेंशन फंड मैनेजमेंट लिमिटेड और एचडीएफसी सिक्योरिटीज लिमिटेड शामिल हैं।
24 अक्टूबर को किया गया था आवेदन
यह आवेदन 24 अक्टूबर 2025 को समूह की कंपनियों की ओर से दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि आरबीआई के नियम बैंक पर लागू होते हैं। बैंक ने बताया कि उनके समूह की कंपनियों की ओर से किए गए निवेश उनके सामान्य व्यवसाय का हिस्सा हैं।
आरबीआई यह सुनिश्चित करता है कि कोई एक बैंक या उसके समूह की कंपनियां किसी दूसरी बैंक में इतनी ज्यादा हिस्सेदारी न खरीद लें कि इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा कम हो जाए या कोई गलत फायदा उठाया जा सके। इसलिए आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक के समूह को इंडसइंड बैंक में 9.50% तक की हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी है, जो कि पहले की 5% की सीमा से ज्यादा है। यह मंजूरी एक साल के लिए है यानी 14 दिसंबर 2026 तक।