नई दिल्ली: पुराने फोन को ठीक करके नए जैसा बेचने वाले बाजार (Refurbished Market) के लिए साल 2025 उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन अंत में इसके लिए अच्छी खबर आई है। साल की शुरुआत में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों के इस सेगमेंट से हटने की वजह से बिक्री पर ब्रेक लग गया था। लेकिन त्योहारी सीजन ने इस सेक्टर की किस्मत बदल दी है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि यह साल शानदार बढ़त के साथ खत्म होगा।
ET के मुताबिक, साल 2025 की पहली छमाही में अमेजन और फ्लिपकार्ट ने रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन बेचने का अपना तरीका बदल दिया। सामान वापस आने की ऊंची दर और क्वॉलिटी में गड़बड़ी की वजह से उन्होंने बाहर से ठीक कराए गए फोन बेचना बंद कर दिया। इसका सीधा असर उन कंपनियों पर पड़ा जो इन प्लैटफॉर्म्स के जरिए अपने फोन बेचती थीं। इसके बाद कैशिफाई (Cashify) और कंट्रोल जेड (Control Z) जैसी कंपनियों ने सीधे ग्राहकों को फोन बेचना (D2C) शुरू कर दिया। उन्होंने अपने ऑनलाइन स्टोर और ऑफलाइन दुकानें बढ़ानी शुरू कर दीं।
कैसे हुआ चमत्कार?
काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, भारत के रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन बाजार में कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में साल-दर-साल 9% की वृद्धि हुई। कंट्रोलZ के को-फाउंडर युग भाटिया ने कहा, "इस एग्जिट से इकोसिस्टम पार्टनर्स के लिए बिक्री में थोड़ी कमी आई, लेकिन इसने संगठित खिलाड़ियों के लिए बाजार में एक बड़ा लॉन्ग-टर्म वैक्यूम पैदा कर दिया है। इन प्लेटफॉर्म्स के जाने के जवाब में, हमने अपने इन्वेंटरी को बढ़ाया है। पहले हम सिर्फ आईफोन बेचते थे, लेकिन अब हमने एंड्रॉइड डिवाइस को भी शामिल किया है और इनकी मांग साफ दिख रही है।"Cashify का अनुमान है कि वह 2025 को 40% की राजस्व वृद्धि के साथ समाप्त करेगा। उन्होंने ट्रेड-इन (पुराने फोन के बदले नया फोन लेना) में 16% की वृद्धि भी देखी है, जिससे बाजार में पुराने उपकरणों की आपूर्ति की कमी को दूर करने में मदद मिली है। कैशिफाई के को-फाउंडर नकुल कुमार ने कहा, "लगभग 300,000 स्मार्टफोन सीधे उपभोक्ताओं को हमारे ऑनलाइन चैनल के माध्यम से बेचे गए, जो हमारे कुल बेचे गए उपकरणों का लगभग 20% है।" उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी ने डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर चैनलों में 3% की वॉल्यूम ग्रोथ देखी है, और 2024 में 1,150 करोड़ रुपये से राजस्व में 30-40% की वृद्धि हुई है।