अमेरिका ने H-1B वीजा के लिए खत्म किया लॉटरी सिस्टम, भारतीयों को बड़ा झटका

वॉशिंगटन: अमेरिकी की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने H-1B वीजा के लिए रैंडम लॉटरी सिस्टम को खत्म कर दिया है। एक बड़े बदलाव में अमेरिकी सरकार ने फैसला किया है कि देश के सबसे ज्यादा डिमांड वाले वर्क वीजा में से एक को अब चांस नहीं, बल्कि सैलरी और स्किल के आधार पर तय किया जाएगा। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिी ने इस बदलाव को फाइनल कर दिया है, जो H-1B वीजा के लिए लंबे समय तक चले आ रहे रैंडम लॉटरी को एक वेटेज सेलेक्शन सिस्टम से बदल देगा। इस बदलाव के तहत वीजा के लिए ज्यादा वेतन और ज्यादा स्किल्ड आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

नया नियम कब से होगा लागू?

डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने कहा कि इस बदलाव का मकसद सिस्टम के गलत इस्तेमाल को रोकना और साथ ही अमेरिकी वर्कर्स को बेहतर सुरक्षा देना है। रिपोर्ट के अनुसार, नया नियम 27 फरवरी 2026 से लागू होगा और वित्तीय वर्ष 2027 H-1B कैप रजिस्ट्रेशन सीजन पर लागू होगा। 2027 में 1 अक्टूबर से शुरू होने वाली नौकरियों के लिए रजिस्ट्रेशन मार्च 2026 में होने की उम्मीद है।

ज्यादा सैलरी वालों को वरीयता

हालांकि, हर साल जारी होने वाले H-1B वीजा की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेगुलर कोटे के तहत यह 65000 पर सीमित रहेगा और अतिरिक्त 20000 वीजा अमेरिका की एडवांस्ड डिग्री वालों के लिए रिजर्व रहेंगे। बदले हुए नियम के तहत अब रजिस्ट्रेशन रैंडम लॉटरी से नहीं चुने जाएंगे। इसके बजाय उन्हें एम्प्लॉयर और वेतन स्तर के हिसाब से वेटेज दिया जाएगा। यह कदम डुप्लीकेट फाइलिंग और सिस्टम के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए उठाया गया है।

भारतीयों पर बड़ा असर

नए नियम के तहत ज्यादा वेतन वाली नौकिरियों के लिए चुने जाने की संभावना ज्यादा होगी। कम सैलरी वाले भी नौकरियों के लिए योग्य होंगे, लेकिन उनके चुने जाने के चांस कम होंगे। इस बदलाव का भारतीय आवेदकों पर बड़ा असर होने वाला है, जो हर साल H-1B वीजा हासिल करने वालों में सबसे आगे होते हैं। यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब ट्रंप प्रशासन रोजगार-आधारित वीजा के लिए नियमों को सख्त करने के लिए कोशिशों को बढ़ा रहा है।अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के प्रवक्ता मैथ्यू ट्रैगेसर ने कहा, ‘H-1b रजिस्ट्रेशन की मौजूदा रैंडम सेलेक्शन प्रक्रिया का अमेरिकी नियोक्ताओं ने गलत फायदा उठाया और दुरुपयोग किया।’ जो मुख्य रूप से अमेरिकी कर्मचारियों को दी जाने वाली सैलरी से कम सैलरी पर विदेशी कर्मचारियों को लाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि नया सिस्टम नियोक्ताओं को ज्यादा सिक्लिड टैलेंट खोजने के लिए प्रोत्साहित करेगा और अमेरिका की प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेगा

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