मृत महिला को जिंदा करने का दावा करने वाले 2 फरार बैगा गिरफ्तार

जशपुर।  जिले में टोनही प्रताड़ना और अंधविश्वास से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस ने फरार चल रहे दो आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। ये दोनों बैगा मृत महिला को जिंदा करने का दावा कर पीड़ितों से पैसे ऐंठने और प्रताड़ित करने के आरोप में फरार थे। इस गिरफ्तारी के साथ ही कुल 10 आरोपियों में से सभी आरोपी अब न्यायिक हिरासत में हैं। यह मामला दुलदुला थाना क्षेत्र के ग्राम भिंजपुर का है। पीड़िता फौसी बाई (53 वर्ष) ने 8 नवंबर 2025 को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि गांव के कुछ लोगों ने उसे टोनही होने का आरोप लगाते हुए उसके घर में घुसकर मारपीट की, गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। आरोपियों ने उसे घसीटते हुए मरघट की ओर ले जाने का प्रयास किया, लेकिन पीड़िता के बेटे और बेटी के हस्तक्षेप से उसकी जान बच गई।

जांच में पता चला कि रायपुर में पदस्थ एक सहायक उप निरीक्षक की पत्नी सुनीता भगत का इलाज के दौरान निधन हो गया था। मृतक के परिजन बैगाओं से संपर्क में आए, जिन्होंने तंत्र-मंत्र के जरिए महिला को जिंदा करने का दावा किया और 60 हजार रुपये की मांग की। प्रारंभिक तौर पर 11 हजार रुपये लिए जाने के बाद बैगाओं ने गांव की ही फौसी बाई को टोनही बताकर साजिश रची और उसके साथ मारपीट की। इस मामले में पुलिस ने पहले ही एक पुलिस अधिकारी समेत आठ अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लेकिन दो आरोपी, कृपा चौहान (44 वर्ष), निवासी रायगढ़ और संतु राम चौहान (50 वर्ष), निवासी सारंगढ़-बिलाईगढ़, फरार थे। पुलिस की तकनीकी टीम और मुखबिर की सूचना पर दोनों आरोपियों को उनके घरों से घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस के अनुसार दोनों आरोपियों के खिलाफ दुलदुला थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 296 (अवमानना और हत्या की कोशिश), 351(2) (मारपीट), 115(2), 333, 190, 191(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। इसके अलावा टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम की धारा 4 और 5 के तहत भी आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी ने बताया कि इस प्रकार के मामले ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के जरिए लोगों को भ्रमित कर आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के उदाहरण हैं। पुलिस ने चेताया है कि किसी भी व्यक्ति को टोनही या जादू-टोने का दोषी ठहराना गैरकानूनी है और इसके लिए सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। पीड़िता फौसी बाई ने मीडिया को बताया कि उन्हें और उनके परिवार को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। “अगर मेरे बच्चों का हस्तक्षेप नहीं होता, तो मेरे जीवन को गंभीर खतरा हो सकता था,” उन्होंने कहा। उन्होंने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और आरोपियों की उचित सजा की मांग की।

जशपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले की व्यापक जांच की जा रही है और आरोपी बैगाओं द्वारा किए गए अन्य अपराधों की जानकारी जुटाई जा रही है। तकनीकी टीम की मदद से और मुखबिरों से मिली सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने फरार आरोपियों की लोकेशन का पता लगाया और गिरफ्तार किया। विशेष अधिकारी ने यह भी कहा कि टोनही प्रताड़ना और अंधविश्वास से जुड़े मामलों में सामाजिक जागरूकता बहुत जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अक्सर इस तरह के अंधविश्वासों के शिकार हो जाते हैं। पुलिस प्रशासन लगातार लोगों को जागरूक करने और ऐसे अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने के प्रयास में जुटा हुआ है। इस गिरफ्तारी के बाद अब तक कुल 10 आरोपी जेल में हैं। इसमें एक पुलिस अधिकारी भी शामिल है, जिसके खिलाफ भी न्यायालय ने कार्यवाही की है। बाकी सभी आरोपियों की जांच अभी जारी है और पुलिस इस बात की पुष्टि कर रही है कि अन्य लोग भी इस साजिश में शामिल थे या नहीं।

जशपुर जिले में प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि किसी भी प्रकार के टोनही या जादू-टोना के नाम पर लोगों को डराना, धमकाना और उनसे आर्थिक लाभ उठाना गंभीर अपराध है। ऐसा करने वाले सभी आरोपी कानून के अनुसार सख्त सजा पाएंगे। जशपुर पुलिस ने पीड़िता और ग्रामीणों से अपील की है कि ऐसे मामलों की सूचना तुरंत थाने को दें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि टोनही प्रताड़ना और अंधविश्वास के खिलाफ प्रशासन सतर्क है और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस गिरफ्तारी से स्थानीय लोगों में राहत की भावना है और पुलिस की कार्यवाही की सराहना की जा रही है। वहीं, प्रशासन भी लोगों को अंधविश्वास और टोनही जैसी प्रथाओं से दूर रहने की लगातार चेतावनी दे रहा है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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