नई दिल्ली: भारतीय रेल के ट्रेन (Indian Railway Train) में अक्सर खराब खाने, ओवरचार्जिंग और कैटरिंग मैनेजर या वेंडर के खराब व्यवहार की खबर आती ही रहती है। लेकिन अधिकतर यात्री इस मामले को कोर्ट (Consumer Forum) तक नहीं खींचते। लेकिन दिल्ली के एक पैसेंजर को वेज बिरयानी में कीड़ा (जोंक) मिला और इसे खाने के बाद वह अपने गांव पहुंचने के बजाय सीधे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। उसने दिल्ली वापस लौटते ही उपभोक्ता फोरम (District Consumer Disputes Redressal Commission) में केस दर्ज कराया। कोर्ट ने इस मामले में रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) की कंपनी आईआरसीटीसी (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोंका है।
क्या है मामला
दिल्ली के भाई परमानंद कॉलोनी में रहने वाले सौरव राज 28 दिसंबर 2018 को पूर्वा एक्सप्रेस से नई दिल्ली से जसीडीह (झारखंड) जा रहे थे। वहां से उतर कर उन्हें दुमका जिले में स्थित अपने पैतृक गांव जाना था। यात्रा के दौरान भूख लगने पर उन्होंने पेंट्री के वेटर से वेज बिरयानी खरीदी। इसके लिए उनसे 80 रुपये वसूले गए। जब वह उसे खाने लगे तो देखा कि बिरयानी में सफेद रंग का एक लंबा सा कीड़ा (जोंक) मरा पड़ा है। तब तक वह कुछ कौर अंदर डाल चुके थे। तुरंत ही उन्हें उबकाई शुरू हो गई और थोड़ी देर बाद ही उल्टी शुरू हो गई। साथ ही पेट में भीषण दर्द भी शुरू हो गया। वह अकेले यात्रा कर रहे थे। तबियत बिगड़ने के बावजूद उन्होंने जसीडीह तक पहुंचने में कामयाब रहे।
शिकायत की तो दवाब पड़ा
उन्होंने ट्रेन चल रहे रेलवे स्टाफ से कंप्लेन रजिस्टर (Complaint Register) मांगा, तो शुरू में देने से मना कर दिया। लेकिन बार-बार निवेदन करने पर उन्हें रजिस्टर मिला और शिकायत दर्ज हो पाई। उसके बाद आईआरसीटीसी (IRCTC) का वह वेंडर यात्री पर लगातार शिकायत वापस लेने का दवाब बनाने लगा। बाद में रजिस्टर में उनसे लिखवाया गया "वह जोंक (Worm) जिंदा था और हो सकता है दुर्घटनावश बिरयानी में गिर गया हो।"
घर जाने के बजाय पहुंचे अस्पताल
जीसीडीह उतर कर जैसे-तैसे दुमका पहुंचे। लेकिन तबीयत बिगड़ने की वजह से वह घर पहुंचने के बजाय दुमका सदर अस्पताल पहुंच गए। वहां उन्हें तीन बोतल पानी चढ़ाना पड़ा। कई दिनों तक दवा खानी पड़ी और इंजेक्शन लगवाने पड़े। उन्हें फूड प्वायजनिंग हो गया था। तबीयत ठीक होने पर वह घर पहुंचे।
रेलवे से भी की शिकायत
इसके बाद पीड़ित यात्री ने ट्रेन में कैटरिंग सर्विस देने वाली कंपनी आईआरसीटीसी और रेलवे के अन्य अधिकारियों के पास शिकायत की। इस पर आईआरसीटीसी ने बताया कि सर्विस प्रोवाइडर से गलती हुई है और उसके खिलाफ जुर्माना लगाया गया है। हालांकि पीड़ित यात्री को कोई हर्जाना नहीं दिया गया।
उपभोक्ता फोरम में दर्ज किया केस
रेलवे और आईआरसीटीसी की उदासीनता से परेशान होकर सौरव राज ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC), जिसे आम भाषा में कंज्यूमर कोर्ट कहा जाता है, में एक वाद दायर किया और पांच लाख रुपये के हर्जाने की मांग की। उन्होंने कोर्ट में जोंक वाले बिरयानी का वीडियो, रेलवे के कंप्लेन रजिस्टर में दर्ज शिकायत का फोटो और सदर अस्पताल दुमका में हुए इलाज का ब्यौरा पेश किया। वीडियो में स्पष्ट दिखता है कि वेज बिरयानी में एक लंबा सा मरा हुआ जोंक है।
उपभोक्ता फोरम ने यह दिया आदेश
DCDRC ने सरकारी कंपनी आईआरसीटीसी को ट्रेन में खराब खाना परोसने के लिए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। आयोग की अध्यक्ष मोनिका श्रीवास्तव ने आइआरसीटीसी (IRCTC) को सेवा में कमी के लिए दोषी ठहराया। आयोग ने कहा कि आइआरसीटीसी ने खेद व्यक्त किया और संबंधित सर्विस प्रोवाइडर को दंडित किया, लेकिन यह शिकायतकर्ता द्वारा झेले गए शारीरिक और मानसिक तनाव के लिए पर्याप्त नहीं था। आयोग ने कहा कि उम्मीद की जाती है कि प्रतिवादी उपभोक्ताओं को परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता की जांच करके निश्चित मानक बनाए रखे। आयोग ने पीड़ित को हर्जाने के रूप में 25 हजार रुपये भरने का आदेश दिया जो कि तीन महीने के भीतर देय होगा।