ढाका: बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार आखिरकार भारत के साथ सुलह के मूड में आती दिखाई दे रही है। बांग्लादेश के वित्तीय सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने मंगलवार को कहा कि अंतरिम प्रशासन का भारत के साथ संबंधों को खराब करने का कोई इरादा नहीं है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब विरोध प्रदर्शनों और वीजा सेवाओं को रद्द करने से दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध और खराब होने का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस व्यक्तिगत रूप से संबंधों को सामान्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
हालिया तनाव के बीच यह बांग्लादेश की तरफ से सुलह का पहला संकेत है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में वित्त सलाहकार अहमद वित्त मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। उनका बयान मंगलवार को बांग्लादेश द्वारा भारत से चावल खरीद की मंजूरी के बाद आया है। सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए सालेहुद्दीन अहमद ने कहा, ‘मौजूदा अंतरिम सरकार भारत जैसे बड़े पड़ोसी के साथ किसी भी तरहके कड़वे रिश्ते नहीं चाहती। बल्कि सरकार का मुख्य लक्ष्य द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करना और आर्थिक स्थिरता बनाए रखना है।’
रिश्ते सुधारने पर यूनुस खुद कर रहे काम
सालेहुद्दीन ने आगे बताया कि तनाव कम करने और नई दिल्ली के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस खुद काम कर रहे हैं। ढाका स्थित बांग्ला भाषा के अखबार देश रूपांतर के अनुसार, वित्त सलाहकार ने कहा कि अंतरिम सरकार किसी भी हालत में भारत के साथ संबंधों को खराब नहीं होने देना चाहती है।
बांग्लादेश का आर्थिक संबंधों पर जोर
भारत से 50000 मीट्रिक टन चावल आयात की मंजूरी की पुष्टि करते हुए अहमद ने बताया कि मौजूदा राजनीतिक स्थिति का असर व्यापार या आर्थिक सहयोग पर नहीं पड़ेगा। चावल आयात को उन्होंने ऐसा कदम बताया जो आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि जरूरी चीजों के आयात में कोई बाधा नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि अंतरिम प्रशासन स्थिति को सावधानी से संभाल रहा है और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देकर द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखता है।