यह फोटो रोशनपुरा का है। भारी भीड़ के बीच गाड़ियों से हाथ हिलाते नेता, मानों जता रहे हों कि जनता उनके ही इंतजार में खड़ी है। हालांकि, ऐसा है बिल्कुल नहीं! जनता इंतजार नहीं, मजबूरी में खड़ी है। यह काफिला भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष श्याम टेलर का है। वे गुरुवार को पदभार लेने शाजापुर से भोपाल आए थे।
भीड़-भाड़ वाले चौराहे पर गाड़ियों के दरवाजे खोलकर नेता और समर्थक अभिवादन करते रहे। शक्ति के इस प्रदर्शन के चलते ट्रैफिक में स्कूली बच्चे, महिलाएं, कामगार यहां तक कि बीमार भी फंसे रहे, लेकिन प्रदर्शन किलोमीटरों तक जस का तस चलता रहा। रोशनपुरा, सुभाष स्कूल, 1250, सात नंबर तक कई जगह लोग घंटों जाम में फंसे रहे। आतिशबाजी और प्लास्टिक कचरा काफिला जाने के घंटों बाद तक सड़क पर हुए इस पद के भार की गवाही दे रहा था।
आपका जुलूस, शहर जाम ये कैसा जश्न? युवा नेता हैं तो ‘युवा सोच’ भी रखिए…
एक तरफ सबको साफ शहर चाहिए। सरपट दौड़ता ट्रैफिक चाहिए… लेकिन दूसरी ओर सड़क पर ऐसे आयोजन। कई इलाकों में घंटों ट्रैफिक जाम की वजह बनता जुलूस और सड़कों पर पसरा आतिशबाजी और कॉन्फेटी गन से निकली पर्चियों का कचरा। बड़ा सवाल ये है कि किसी उपलब्धि या राजनीतिक नियुक्ति के ऐसे आयोजन क्या शहर से बाहर किसी खुले स्थान या खाली मैदान पर नहीं किए जाने चाहिए।
क्या शहर को साफ रखना सिर्फ नगर निगम की जिम्मेदारी है या ट्रैफिक व्यवस्था संभालना सिर्फ पुलिस का काम है? जवाब है- नहीं। एक जागरूक नागरिक के रूप में हम सबकी ये जिम्मेदारी है। राजनीतिक दलों को भी चाहिए कि वे अपने ‘शक्ति या उपलब्धि प्रदर्शन’ के लिए ऐसे स्थान चुनें जहां लोगों को परेशानी न उठानी पड़े। खासकर यदि आप युवा नेता हैं तो ‘युवा सोच’ भी रखें।