देश में नए आयकर नियम लागू होने के बाद वेतनभोगी टैक्स पेयर्स की संख्या घट रही है। टैक्स पेयर्स की घटती संख्या को देखते हुए आयकर विभाग सरकारी विभागों के साथ ऑटोनॉमस संस्थाओं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की निगरानी करेगा। इसके साथ ही टैक्स पेयर्स के बीच में अवेयरनेस के लिए भी कार्यक्रम चलाए जाएंगे। हालांकि इनकम टैक्स विभाग को इस बात का संतोष है कि चालू वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 13 नवंबर तक देश में आयकर की वसूली पिछले साल से अधिक हुई है। एमपी में इस अवधि के दौरान पिछले साल की तुलना में 6.99 फीसदी अधिक इनकम टैक्स जमा हुआ है।
प्रदेश की राजधानी में गुरुवार से शुरू हुए आयकर विभाग के टीडीएस सम्मेलन और प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर्स कांक्लेव में यह बात सामने आई है। इस कान्क्लेव में शामिल होने आए सीबीडीटी के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने कहा है कि आयकर अधिनियम 2025 का क्रियान्वयन 1 अप्रैल 2026 से प्रस्तावित है जिसमें टीडीएस से संबंधित प्रावधानों को सबसे पहले लागू किया जाएगा।
इसलिए सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह इसकी तैयारी अभी से शुरू करें और इसकी कैपेसिटी बिल्डिंग पर फोकस कर काम करें। अग्रवाल ने कहा कि डेटा बेस्ड प्रोसेस अपनाने तथा नई प्रक्रिया के लिए सिस्टम यूनिट्स और रीजनल यूनिट्स के बीच अच्छा तालमेल अत्यंत जरूरी है। इस सम्मेलन का उद्देश्य बोर्ड और क्षेत्रीय अधिकारियों के बीच कोआर्डिनेशन और संवाद को और मजबूत करना भी बताया गया है।
छापों और सर्वे के साथ टैक्सपेयर्स को साधने चलाएंगे कैम्पेन
इस सम्मेलन में यह तय किया गया कि टैक्स चोरी रोकने के लिए छापों और सर्वे के साथ अब आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को सही जानकारी देकर टैक्स कलेक्शन बढ़ाने का काम करेगा। इसके लिए आयकर विभाग एआई तकनीक का भी सहारा लेगा। इसमें कोशिश की जा रही है कि हर टैक्सपेयर को उसकी आय पर लगने वाले सही टैक्स की रकम की जानकारी ऑनलाइन दे दी जाए।
इसके अलावा अब आयकर विभाग ने गलत आकलन करके कम टैक्स देने वालों को अपडेट रिटर्न फाइल करने का भी विकल्प दिया है। इसे आयकर की भाषा में नज सिस्टम कहा जाता है। ऐसे करदाता अब पिछले चार साल तक की रिटर्न संशोधित कर सकते हैं। इसका फायदा बीते एक साल में देश के एक करोड़ से अधिक करदाताओं ने उठाकर अपने अपडेट रिटर्न फाइल किए हैं।
सम्मेलन में अनटैक्ड चालान, कलेक्शन स्टेटमेंट, टीडीएस अनुपालन अंतराल की पहचान के लिए डाटा एनालिसिस, टारगेटेड संपर्क अभियान, रीजन वार एनालिसिस, टीडीएस प्रशासन के रूपांतरण पर भी चर्चा की गई। साथ ही धोखाधड़ी पूर्ण टीडीएस दावे, अभियोजन और संयोजन तथा राज्य सरकारों के साथ टीडीएस वसूली में समन्वय के मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
देश का टैक्स कलेक्शन 7.04 प्रतिशत बढ़ा
बताया गया कि आयकर की छूट बढ़ने के बाद भी देश में टैक्स कलेक्शन का आंकड़ा 7.04 फीसदी बढ़ गया है। इस वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने नई टैक्स रेजीम में 12 लाख तक की आय को इनकम टैक्स फ्री किया है। आंकड़ों के मुताबिक देश में इस साल 9 करोड़ रिटर्न फाइल हुए हैं जबकि लगभग 13 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में आयकर दे रहे हैं।
देश भर के अफसरों ने किया टीडीएस और नए आईटी एक्ट पर मंथन
दो दिवसीय इस कॉन्क्लेव के पहले दिन टीडीएस का कलेक्शन बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हुई। इसके अलावा नए आईटी एक्ट को लोगों तक पहुंचाने और इसे आसान बनाने की चुनौतियों पर भी मंथन हुआ। इसके लिए अब आयकर विभाग देश भर में टैक्सपेयर्स के साथ कॉन्फ्रेंस और सेमिनार आयोजित करेगा तथा टैक्स प्रैक्टिशनर्स को भी नए आईटी एक्ट के बारे में जानकारी देगा।