लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार के दोबारा पावर में आने की चर्चा तेज है। दरअसल, प्रशांत कुमार सीएम योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा पुलिस अधिकारियों में शामिल रहे हैं। सीएम योगी ने उन्हें नियमों से हटकर यूपी डीजीपी के पद पर बैठाया था। प्रशांत कुमार के रिटायरमेंट के बाद से ही दोबारा उनके पावर में लौटने के कयास लगाए जा रहे थे। पिछले दिनों शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पद के साथ उनकी सरकार में वापसी हुई तो कई सवाल उठने लगे। राजनेताओं से लेकर अधिकारियों तक में इस नियुक्ति की चर्चा हो रही थी। अब इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा से जवाब दिया है।
छांगुर तक का जिक्र
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर तगड़ा हमला बोलते हुए कहा कि इनके शासनकाल में सरकारी जमीनों पर कब्जा हुआ। छांगुर जैसा कोई व्यक्ति कब्जा करके अनैतिक कार्य करेगा तो उसके खिलाफ बुलडोजर चलेगा ही। सीएम ने कहा कि जिस प्रकार से हमारी सरकार ने माफियाओं की कमर तोड़ी है, वैसे ही नकल माफियाओं पर भी नकेल कसेंगे।
पूर्व डीजीपी की नियुक्ति की चर्चा
विधानसभा में नकल माफियाओं पर एक्शन को लेकर सीएम योगी ने पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार की नियुक्ति का जिक्र किया। सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा सेवा चयन आयोग, पुलिस भर्ती बोर्ड में प्रक्रिया को बेहतर बनाया गया है। भर्ती की इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए हमने हरेक स्तर पर उस प्रकार के तंत्र को विकसित किया है। शिक्षा सेवा चयन आयोग में भी हमने इसीलिए रिटायर्ड डीजीपी को बैठाया है।
लगातार हुए माफिया पर एक्शन
पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार के कार्यकाल में माफियाओं के खिलाफ लगातार एक्शन हुए। महिला अपराध के मामले में एक्शन से उन्होंने अलग पहचान बनाई। संगठित अपराध के सफाए पर काम किया। माफिया मुख्तार अंसारी से लेकर अतीक अहमद के खिलाफ प्रभावी एक्शन हुए। प्रशांत कुमार ने एडीजी से लेकर डीजीपी तक के कार्यकाल में सीएम योगी की नीतियों को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। एनकाउंटर एवं हाफ एनकाउंटर पॉलिसी से लेकर बुलडोजर एक्शन तक को वे जमीन पर लागू कराते दिखे। अब नकल माफियाओं के खिलाफ आयोग के अध्यक्ष के तौर पर काम करते दिखेंगे। सीएम योगी ने यह साफ कर दिया है।
पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है। उन्होंने अपने सेवाकाल में 300 से अधिक एनकाउंटर किए। उन्हें लगातार चार साल 2020, 2021, 2022 और 2023 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया। यह उपलब्धि उन्हें अधिक खास बनाती है।