ल्थ के मोर्चे पर बरकरार हैं कई चुनौतियां, इस बार कितना बढ़ेगा स्वास्थ्य बजट
नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2025-26 में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की योजनाओं की कामयाबी के लिए ज्यादा आवंटन हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बड़ी चुनौती बन रहे नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (NCD) यानी गैर-संचारी रोगों के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण पाने के लिए बड़ी योजना लानी होगी। साथ ही, अगले 5 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में 75000 सीटें जोड़ने का लक्ष्य पूरा करने के लिए भी इस बजट में इंतजाम किया जा सकता है। केंद्र का फोकस टेलीहेल्थ और डिजिटल चिकित्सा को बढ़ावा देने पर भी हो सकता है, जिससे अस्पतालों पर दबाव कम होगा। केंद्र ने इस साल के अंत तक देश से टीबी को खत्म करने की मुहिम शुरू की है। इसके लिए भी फंड दिया जा सकता है।
2024-25 के बजट में कुछ चयनित शहरों में 100 साप्ताहिक ‘हाट’ या स्ट्रीट फूड हब विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया था। इस योजना को अभी लागू किया जाना बाकी है। हालांकि बजट में की गई घोषणा को लागू करते हुए अब आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) में 70 वर्ष और इससे ज्यादा उम्र के सभी बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा लाभ मिलना शुरू हो गया है। बीते अक्टूबर में इस विस्तारित योजना से 4.5 करोड़ परिवारों के करीब छह करोड़ बुजुर्गों को फायदा मिलने की उम्मीद है। पिछले बजट में किए वादे के मुताबिक 29 अक्टूबर 2024 को केंद्र ने कैंसर के इलाज में काम आने वाली तीन दवाओं Trastuzumab, Osimertinib and Durvalumab के MRP कम करने का निर्देश जारी किया था।
2024-25 के बजट पर एक नजर
केंद्रीय बजट में 2024-25 में स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए 90 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान 80,517.62 करोड़ रुपये से 12.96 प्रतिशत अधिक थे। आयुष मंत्रालय के लिए बजट आवंटन को 3,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,712.49 करोड़ रुपये किया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय को आवंटित 90,958.63 करोड़ रुपये में से 87,656.90 करोड़ रुपये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को तथा 3,301.73 करोड़ रुपये स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को आवंटित किए गए गए थे।
टैक्स कम करे सरकार: एक्सपर्ट
अपोलो हॉस्पिटल्स की प्रबंध निदेशक डॉ. सुनीता रेड्डी का कहना है कि बजट 2024 में आवश्यक दवाओं पर सीमा शुल्क कम कर कैंसर के उपचार पर जोर दिया गया। इस पहल को इलाज के लिए जरूरी दवाओं के साथ रेडियोथेरेपी मशीनों और रोबोटिक्स जैसे उन्नत कैंसर उपचार उपकरणों को शामिल करने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए, जिनमें से अधिकांश पर 37 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है। इन पर लगने वाले शुल्क को तर्कसंगत बनाने से कैंसर के उपचार की लागत घटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अस्पतालों की इनपुट लागत पर पूरा GST लगता है और अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवा पर GST नहीं लगता है, जिसके चलते इनपुट लागत में करीब लगभग 8-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है। सरकार को अस्पतालों पर लागू इनपुट GST को घटाकर 5 प्रतिशत करने पर विचार करना चाहिए।
बेंगलुरु:फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल को जानते ही होंगे। उन्होंने एक फिनटेक स्टार्टअप नवी टेक्नोलॉजीज Navi Technologies की स्थापना की है है। इसी कंपनी की पेमेंट गेटवे (Payment Gateway) धोखाधड़ी…
स्टॉक मार्केट रेगुलेटर SEBI एक ऐसे प्लेटफॉर्म को लॉन्च करने के बारे में विचार कर रही है, जहां शेयर की लिस्टिंग से पहले निवेशकों को कंपनियों के शेयर में ट्रेडिंग…
नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2025-26 में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की योजनाओं की कामयाबी के लिए ज्यादा आवंटन हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बड़ी चुनौती बन रहे…
नई दिल्ली: धोखाधड़ी और स्पैम वाले कॉल (Spam Calls) इन दिनों एक आम समस्या बन गई दिखती है। मोबाइल फोन यूजर्स अक्सर स्पैम कॉल की लगातार बौछार से निराश होते…
नई दिल्ली: ऑनलाइन शॉपिंग में धोखाधड़ी के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। कई बार ग्राहक महंगे आइटम मंगाते हैं और उन्हें इसके बदले कुछ और सामान थमा दिया जाता है।…
नई दिल्ली: डायमंड सिटी के नाम से मशहूर गुजरात के सूरत की एक कंपनी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चेहरे के आकार का एक अनूठा हीरा तैयार किया है।…
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया की जानी-मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया। वहां से आई एक तस्वीर ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ…
मुंबई: टाटा ग्रुप (Tata Group) की आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की तरफ से बड़ी खबर आई है। इस कंपनी का ब्रांड वैल्यूएशन 21.3 बिलियन डॉलर का हो गया…