गरियाबंद। विश्व दिव्यांगता दिवस के अवसर पर आज पीएमश्री स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल गरियाबंद में जिला स्तरीय खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समावेशी शिक्षा अंतर्गत स्कूल समग्र शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जिले के दिव्यांग बच्चों ने अपनी प्रतिभा का अद्भूत प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन ने कार्यक्रम में शामिल होकर बच्चों को पुरस्कार वितरण किया। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों को खेलकूद की गतिविधियों में उत्साह के साथ भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेलकूद भी दिनचर्या में शामिल करना जरूरी है। उन्होंने दिव्यांग बच्चों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चे भी अपने आप को किसी से कम न समझे। दिव्यांग बच्चों में भी विशिष्ट प्रतिभा रहती है। उन्होंने बच्चों को बेहतर भविष्य एवं सदा आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं भी दी। इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रीता यादव ने की। उन्होंने दिव्यांग बच्चों को जिला स्तरीय खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर नगर पालिका उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सोनटेके, जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत, डीएमसी के.एस. नायक, बीआरसीसी, बीआरपी सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में मूकबधिर, श्रवण बाधित और अन्य दिव्यांग बच्चों ने विभिन्न शारीरिक एवं मानसिक खेल गतिविधियों में हिस्सा लिया। खेल के माध्यम से बच्चों ने उत्साह और उमंग के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए दिव्यांगता के एहसास को भुला दिया। सभी बच्चों ने खुशनुमा माहौल में जोश और जूनुन के साथ विभिन्न खेलों में भागीदारी सुनिश्चित की। जिला स्तरीय खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा में बच्चों की प्रतिभा ने सबका दिल जीत लिया। जिला स्तरीय यह आयोजन दिव्यांग बच्चों की क्षमताओं को विकसित करने और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए किया गया। प्रतियोगिता में जिले के पांचों विकासखंड से बड़ी संख्या में दिव्यांग बच्चे प्रतियोगिता में शामिल हुए। दृष्टि बाधित, अस्थि बाधित, श्रवण बाधित, मानसिक विकलांग, बच्चों के लिए 50 मीटर दौड़, 100 मीटर दौड़, कुर्सी दौड़, बैसाखी दौड़, गोला फेक, मोती चयन, जलेबी दौड़, मटका फोड़, चित्रकला, रंगोली, मेहंदी आदि की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।