भोपाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (बीसीसीआई) अध्यक्ष तेजकुलपाल सिंह पाली के इस्तीफे के बाद शनिवार को पहली बार सभी पदाधिकारी और सदस्यों की मीटिंग होगी। इसमें नियमों को लेकर चर्चा होगी। पिछली 2 बैठकों में कई पदाधिकारी-सदस्य ही नहीं पहुंचे थे। कोहेफिजा स्थित चैंबर ऑफिस में दोपहर में बैठक होगी। इसे लेकर कार्यालय सचिव प्रदीप कुमार तिवारी ने सभी पदाधिकारी-सदस्यों को पत्र भी लिखा है। बता दें कि चैंबर अध्यक्ष पाली के इस्तीफे के बाद से ही राजधानी की व्यापारिक राजनीति गरमाई हुई है।
मामले में अब तक 3 पत्र आ चुके सामने इस्तीफे के मामले में अब तक 3 पत्र सामने आ चुके हैं। एक पत्र महामंत्री आदित्य जैन ‘मान्या’ और दूसरा कार्यालय सचिव प्रदीप कुमार तिवारी का है। दोनों में ही नियम अनुसार पाली का इस्तीफा मंजूर करना बताया गया। महामंत्री जैन ने इसकी सूचना वॉट्सऐप के जरिए ही पाली को देने की बात कही।
दूसरी ओर, कंपनी सेक्रेटरी अमित कुमार सेन ने अध्यक्ष पाली द्वारा इस्तीफा देने और फिर उसे मंजूर करने की पूरी प्रक्रिया को ही गलत एवं नियम के विरुद्ध बताया था। कहा था कि अध्यक्ष द्वारा दिया गया त्यागपत्र विधिक दृष्टि से दोषपूर्ण है, क्योंकि यह संस्था के लेटरहेड पर दिया गया है। किसी भी संवैधानिक पदाधिकारी का त्यागपत्र उनकी व्यक्तिगत क्षमता में साधारण कागज पर होना आवश्यक है।
त्यागपत्र की गोपनीयता होती है, जिसका पालन नहीं किया गया। बैठक बुलाने, नोटिस अवधि, नोटिस की अस्पष्टता, उपस्थिति रजिस्टर बनाम सहमति, अध्यक्ष को सुनवाई का अवसर और अवैध बैठक का प्रभाव कुछ भी नहीं है। ऐसे में पाली का इस्तीफा किसी भी हाल में मंजूर नहीं होना चाहिए।
अचानक पाली ने सौंप दिया था इस्तीफा जानकारी के अनुसार, 3 अक्टूबर की देर रात अध्यक्ष पाली ने अचानक अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने महासचिव जैन को लेटर भी लिखा था। इसमें कहा कि 3 साल 9 महीने पहले मैंने पद ग्रहण किया था और तब से अभी तक पूर्ण रूप से अपना कार्य निभाया। आगामी चुनाव की तारीख 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच की घोषणा कर दी।
इस बात को 15 दिन गुजरने के बाद भी किसी भी कार्यकारिणी सदस्य ने चैंबर ऑफिस में उपस्थित होकर आगे की कार्रवाई करने में रुचि नहीं दिखाई। इस पर मैंने निर्णय लिया है कि आगामी चुनाव में मेरे ऊपर कोई दोषारोपण न हो, इसलिए पद से इस्तीफा देता हूं।
मेरे 3 साल 9 महीने के कार्यकाल में देख लिया कि कोई भी कार्यकारिणी सदस्य किसी भी कार्य में कोई रुचि नहीं लेता है। महासचिव साहब आपने भी आज तक चैंबर ऑफिस में उपस्थित होकर कोई पत्र व्यवहार नहीं किया।
अगले ही दिन हुई थी बैठक इस्तीफे के अगले ही दिन 4 अक्टूबर को कोहेफिजा स्थित चैंबर के ऑफिस में बैठक हुई थी। जिसमें महासचिव जैन ने पाली का इस्तीफा मंजूर कर लिया। हालांकि, मीटिंग में 16 में से 12 पदाधिकारी और सदस्यों ने अध्यक्ष पाली को एक मौका देकर 6 अक्टूबर को अपना पक्ष रखने का सुझाव दिया, लेकिन उनकी बात को सिरे से खारिज कर दिया गया था।
वहीं, पांच में से सिर्फ एक मनोनीत सदस्य रोहित जैन मौजूद रहे। उन्होंने इस्तीफे की मंजूरी को गलत बताया। उनका कहना था कि जब सभी मनोनीत सदस्य मौजूद ही नहीं है तो किस आधार पर इस्तीफा मंजूर किया जा रहा है? एक अन्य मनोनीत सदस्य हरीश ज्ञानचंदानी ने कहा कि उन्हें मीटिंग शुरू होने से कुछ देर पहले ही कॉल किए। इसलिए सोमवार को मीटिंग रखने का कहा गया था। हम मीटिंग में ही नहीं गए थे।
पाली के कार्यकाल में करोड़पति हुआ चैंबर बता दें कि सितंबर में बीसीसीआई की वार्षिक साधारण सभा हुई थी। इसमें अध्यक्ष पाली ने चैंबर की आय-व्यय समेत ऑडिट रिपोर्ट पेश की थी। उन्होंने बताया था कि चैंबर करोड़पति हो गया है। एफडीआर और बचत खाते में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा है। दिसंबर में चुनावी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पाली ने साढ़े 3 वर्ष के अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया था कि भोपाल चैंबर में उनके कार्यकाल के दौरान अभी तक लगभग 580 नए सदस्य बने। आगामी भोपाल चैंबर के चुनाव को ध्यान में रखते हुए आज की तारीख तक भोपाल चेंबर के पास लगभग 1850 सक्रिय सदस्य हैं। भोपाल चैंबर में 1 करोड़ 3 लाख 48 हजार रुपए आरक्षित है।